'विक्रम वेधा' और 'भेड़िया' अब तक OTT पर क्यों नहीं आईं? जानिए वजह
क्या है खबर?
बीते कुछ सालों में OTT प्लेटफॉर्म ने दर्शकों की आदत को ही बदल दिया है।
अब अधिकतर लोग अपने घर के आराम के साथ OTT पर ही फिल्में देखना पसंद करते हैं। ऐसे में फिल्म निर्माता भी सिनेमाघर से हटने के कुछ दिनों के भीतर ही फिल्मों को OTT पर ले आते हैं।
हालांकि, ऋतिक रोशन की 'विक्रम वेधा' और वरुण धवन की 'भेड़िया' जैसी फिल्में अब तक OTT पर नहीं आई हैं। अब इसकी वजह सामने आई है।
खबर
लंबे समय से दोनों फिल्मों का इंतजार कर रहे दर्शक
ऋतिक रोशन की फिल्म 'विक्रम वेधा' 30 सितंबर को रिलीज हुई थी। इस फिल्म में उनके साथ सैफ अली खान भी थे। ऋतिक और सैफ के एक्शन की वजह से इस फिल्म का OTT पर इंतजार है।
वरुण धवन की 'भेड़िया' दिनेश विजान की हॉरर कॉमेडी यूनिवर्स का हिस्सा है। इस फिल्म के OTT पर आने की कई बार खबरें आ चुकी हैं, लेकिन फिल्म का अब भी लोगों को इंतजार है।
दरअसल, इस देरी की खास वजह है।
योजना
नए जियो ऐप पर फिल्मों को लाने की है योजना
बॉलीवुड हंगामा की खबर के अनुसार, दोनों ही फिल्में नए जियो ऐप के साथ प्रसारित की जाएगी।
इन दोनों फिल्मों के अलावा भी कई फिल्में ऐप पर प्रसारित की जाएंगी। हर हफ्ते एक फिल्म प्रसारित करने का विचार है।
इनमें से कुछ फिल्में थिएटर की होंगी तो कुछ सीधा OTT पर आएंगी।
इन फिल्मों की सूची ऐप लॉन्च के साथ जारी की जा सकती है। फिलहाल इनकी तारीख की आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।
विक्रम वेधा
'विक्रम वेधा' में दिखा था सैफ और ऋतिक का एक्शन
ऋतिक की फिल्म 'विक्रम वेधा' इसी नाम की तमिल फिल्म की रीमेक है। दोनों ही फिल्मों को निर्देशक गायत्री और पुष्कर की जोड़ी ने निर्देशित किया है।
फिल्म में सैफ एक पुलिस वाले की भूमिका में हैं तो ऋतिक एक गैंगस्टर हैं। दोनों के बीच चोर-पुलिस का खेल काफी रोचक है।
दोनों के बीच बड़े स्तर पर एक्शन दृश्य फिल्माए गए थे। हालांकि, फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल नहीं रही और भारत में 94 करोड़ का बिजनस कर सकी।
भेड़िया
'भेड़िया' को मिली दर्शकों की बेहतरीन प्रतिक्रिया
करीब 60 करोड़ रुपये की लागत में बनी फिल्म 'भेड़िया' ने भारत में 68 करोड़ रुपये का कारोबार किया था। IMDb पर फिल्म को 8.9 रेटिंग मिली है।
यह दिनेश विजान की बेहतरीन हॉरर-कॉमेडी फिल्म है। फिल्म में वरुण के साथ कृति सैनन और अभिषेक बनर्जी मुख्य भूमिका में नजर आए थे।
फिल्म हंसाने और डराने के साथ पर्यावरण और उत्तर पूर्वी भारतीयों के साथ भेदभाव के खिलाफ कड़ा संदेश देती है।