अमेरिका में होगा पहला दलित फिल्म फेस्टिवल, 'काला', 'मसान' के अलावा ये फिल्में भी होंगी प्रदर्शित
'दलित फिल्म फेस्टिवल' 23 और 24 फरवरी को न्यूयॉर्क में होने वाला है। यह दलित फिल्म और सांस्कृतिक महोत्सव पहला दलित फेस्टिवल है, जिसका उद्देश्य दुनिया के सामने 'दलित जीवन की बारीकियों' को उजागर करना है। फेस्टिवल में डायरेक्टर और नेशनल फिल्म अवॉर्ड विनर नागराज मंजुले, फेमिना मिस इंडिया अर्थ 2005 की विजेता निहारिका सिंह, डायरेक्ट पीए रंजित, बोमाकू मुरली, जयन चेरियन, सुबोध नागदेव और रामपिला राव जैसी हस्तियों के शामिल होने की खबर है।
ये फिल्में होंगी प्रदर्शित
इस फेस्टिवल के लिए सात फिल्में और पांच डाक्यूमेंट्री शॉर्टलिस्ट की गईं हैं। 'मसान', 'काला', 'फन्ड्री' 'पेरियेरम पेरुमल', 'शरणम् गच्छामि', 'पापिलियो बुद्ध', 'बोले भारत जय भीम', 'पिस्तुल्या (Pistulya)', कक्कूस (Kakkoos), 'वी हैव नॉट कम हियर टू डाई', गांधी, 'अनटचेबल एंड मी' के अलावा 'दलन टीवी सीरीज़: भीमा कोरेगांव की लड़ाई' भी इस लिस्ट में शामिल है। भारतीय और दक्षिण-एशियाई फिल्म एवं मीडिया में प्रतिनिधित्व का अभाव भी एक कारण है कि आयोजक समारोह का आयोजन कर रहे हैं।
अंबेडकर इंटरनेशनल मिशन USA के गठबंधनों द्वारा किया जा रहा है आयोजन
इस महोत्सव का आयोजन अंबेडकर इंटरनेशनल मिशन USA के गठबंधनों द्वारा किया जा रहा है। अंबेडकर एसोसिएशन ऑफ नॉर्थ अमेरिका (AANA), बोस्टन स्टडी ग्रुप (BSG) और अंबेडकर बुद्धिस्ट एसोसिएशन टेक्सास (ABAT) जैसे संगठन भी इसका समर्थन दे रहे हैं। कोलंबिया विश्वविद्यालय का बर्नार्ड कॉलेज और द न्यू स्कूल इस फेस्टिवल को होस्ट कर रहा है। वहीं, आयोजकों ने एक बयान में कहा है कि यह लोगों के अधिकारों, सम्मान और स्वतंत्रता को पुनः प्राप्त करने की पहल है।
अमेरिका में बढ़ी है दलित प्रवासियों की संख्या
बता दें कि अमेरिका में दलित प्रवासी पिछले कुछ दशकों में बढ़ रहे हैं। हालांकि, अमेरिका में 2016 के जाति सर्वेक्षण के अनुसार, कई दलित अमेरिकियों को भेदभाव और हिंसा का सामना करना पड़ता है। रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण एशियाई मूल के 1,500 व्यक्तियों में से जो अमेरिका में रह रहे थे, 25 प्रतिशत दलितों ने जवाब दिया कि उन्होंने जाति-आधारित मौखिक दुर्व्यवहार का सामना किया है। तीन में से एक दलित छात्र को भेदभाव का सामना करना पड़ा है।