
एआर रहमान को दिल्ली हाई कोर्ट ने दिया 2 करोड़ जमा करने का आदेश, जानिए मामला
क्या है खबर?
मशहूर संगीतकार एआर रहमान और फिल्म निर्माता कंपनी मद्रास टॉकीज को दिल्ली हाई कोर्ट की तरफ से बड़ा झटका लगा है।
मामला तमिल फिल्म 'पोन्नियिन सेल्वन 2' के गाने 'वीरा राजा वीरा' से जुड़ा है।
दरअसल, आरोप था कि यह गाना मशहूर शास्त्रीय गायक उस्ताद फैयाजुद्दीन वसीफुद्दीन डागर के पिता और चाचा द्वारा रचित 'शिवा स्तुति' की नकल है।
अब कोर्ट ने भी यह मान लिया है और रहमान को 2 करोड़ रुपये जमा करने का आदेश दिया गया है।
मामला
फैयाज वसीफुद्दीन डागर ने कॉपीराइट के संबंध में दायर की थी याचिका
रहमान और प्रोडक्शन कंपनी मद्रास टॉकीज 'पोन्नियन सेलवन 2' के गाने 'वीरा राजा वीरा' के कारण विवादों में हैं।
इन पर कॉपीराइट का आरोप है। इसी पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने संगीतकार को 2 करोड़ रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया है।
गायक फैयाज वसीफुद्दीन डागर ने कॉपीराइट के संबंध में याचिका दायर की थी, जिस पर फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने निर्देश दिया है कि ये रकम कोर्ट के रजिस्ट्रार ऑफिस में जमा की जाए।
इनकार
ओरोपों से रहमान ने किया इनकार
पद्मश्री से सम्मानित उस्ताद फैयाजुद्दीन डागर ने साल 2023 में कोर्ट का रुख कर आरोप लगाया था कि गाने की धुन उनके पिता नासिर फैयाजुद्दीन डागर और चाचा जाहीरुद्दीन डागर के 'शिव स्तुति' से कॉपी की गई। डागर ने दावा किया कि इसका संगीतमय ढांचा, लय और बीट्स 'शिवा स्तुति' से पूरी तरह मिलते-जुलते हैं।
हालांकि, रहमान ने आरोपों से इनकार कर कहा कि 'शिव स्तुति' ध्रुपद शैदी के अंदर का पांरपरिक धुन है, जो पब्लिक डोमेन का हिस्सा है।
आदेश
कोर्ट ने सुनवाई के दौरान दिया ये आदेश
कोर्ट के मुताबिक, 'वीरा राजा वीरा' गीत न केवल 'शिव स्तुति' पर आधारित है, बल्कि हू-ब-हू उसकी नकल है।
कोर्ट ने आदेश दिया कि गाने के क्रेडिट में अब स्पष्ट रूप से लिखा जाएगा कि यह दिवंगत उस्ताद नासिर फैयाजुद्दीन डागर और उस्ताद नासिर जहीरुद्दीन डागर की 'शिवा स्तुति' पर आधारित रचना है।
रहमान और मद्रास टॉकीज को 2 करोड़ रुपये कोर्ट रजिस्ट्री में जमा करने होंगे और डागर परिवार को 2 लाख रुपये का हर्जाना देना होगा।
डागर ब्रदर्स
डागर ब्रदर्स की विरासत
उस्ताद नासिर फैयाजुद्दीन और नासिर जहीरुद्दीन डागर को 'जूनियर डागर ब्रदर्स' के नाम से जाना जाता है। वे हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत की ध्रुपद शैली के दिग्गज थे।
उनकी रचना 'शिवा स्तुति' उनकी कला का एक अनमोल नमूना है।
कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि पहले इस गाने का श्रेय सिर्फ डागरवाणी परंपरा को दिया गया था, जो अपर्याप्त था। अब डागर बंधुओं के नाम स्पष्ट रूप से जोड़े जाएंगे।