जन्मदिन विशेष: बॉलीवुड में संजय दत्त से बड़ा खलनायक नहीं, ये फिल्में हैं सबूत
संजय दत्त ने अपने लंबे फिल्मी करियर में कई हिट और सुपरहिट फिल्में दी हैं। दर्शकों ने उनके हर अवतार को पसंद किया है, लेकिन कोई कुछ भी कहे, जितनी तारीफ संजू बाबा को एक सफल खलनायक बनकर मिली, उतनी पर्दे पर एक सफल हीरो बनकर नहीं मिली। वह आज यानी 29 जलाई को अपना 62वां जन्मदिन मना रहे हैं। इस खास मौके पर जानते हैं कुछ ऐसी फिल्मों के बारे में, जिनमें उनकी बुरी इमेज जमकर भुनाई गई।
खलनायक
1993 में बनी फिल्म 'खलनायक' संजय के जीवन की यादगार फिल्म थी। इसमें उन्होंने खलनायक का किरदार निभाया था। एक हीरो की इमेज उतारकर एक विलेन का किरदार निभाना संजय के लिए काफी चैलेंजिग रहा। इस फिल्म में वह बल्लू के किरदार में दिखे थे, जिसे सिस्टम ने हथियार उठाने पर मजबूर कर दिया था। सिर्फ लंबे बालों के जरिए ही वह अपने लुक में खलनायक की झलक ले आए थे। फिल्म में उनके काम की बहुत तारीफ हुई थी।
वास्तव
'वास्तव' में रघु के किरदार में माथे पर लंबा सा तिलक, गले में सोने की चैन, लंबा कुर्ता और हाथ में बंदूक। इस संजय दत्त को टक्कर देना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है। फिल्म में संजय दत्त का क्लीन लुक होते हुए भी बेहद डरावना था। फिल्म में संजय पहले एक शरीफ आदमी होते हैं और बाद में बहुत बड़े गैंगस्टर बन जाते हैं। वह किसी और के हाथों से नहीं मरते, बल्कि उनकी मां उन्हें गोली मारती है।
कांटे
संजय दत्त ने फिल्म 'कांटे' में नकारात्मक किरदार निभाया। इसमें वह ऐसे अपराधी बने, जो एक बड़ी योजना बनाता है। संजय गुप्ता के निर्देशन में बनी यह फिल्म 20 दिसंबर, 2002 में पर्दे पर आई थी। इसके जरिए एक बार फिर संजय ने अपनी नकारात्मक भूमिका से दर्शकों के दिलों पर गहरी छाप छोड़ी और उनकी बैड बॉय वाली इमेज और पुख्ता हो गई। यह फिल्म देख लोगों को संजू के मेकओवर पर यकीन नहीं हो रहा था।
हथियार
इस फिल्म में संजय दत्त एक गुंडे के किरदार में नजर आए थे। फिल्म में एक बुरा आदमी बनकर संजू बाबा ने दर्शकों से खूब वाहवाही बटोरी। 2002 में रिलीज हुई इस एक्शन क्राइम फिल्म का निर्देशन महेश मांजरेकर ने किया था। इस फिल्म में एक खूंखार गैंगस्टर के किरदार से संजय ने दर्शकों का दिल जीत लिया था। फिल्म में शिल्पा शेट्टी, शरद सक्सेना और शक्ति कपूर भी अहम भूमिका में नजर आए थे।
अग्निपथ
'अग्निपथ' में संजय दत्त बॉलीवुड के सबसे खतरनाक विलेन की किरदार में दिखाई दिए। इस फिल्म में उन्होंने कांचा चीना का किरदार निभाया था। यूं तो इस फिल्म के हीरो ऋतिक रोशन थे, लेकिन फिल्म में इतनी तारीफ ऋतिक की नहीं हुई, जितनी संजय दत्त की। संजय दत्त ने अपने किरदार को इस कदर जीवंत कर दिया था कि असल में लोगों को उनसे नफरत हो गई थी। इस फिल्म में संजय का लुक आज भी डराता है।
मुसाफिर
2004 में आई फिल्म 'मुसाफिर' में बिल्ला का किरदार निभाने वाले संजय दत्त ने इस फिल्म में भी अपनी दाढ़ी के साथ प्रयोग किया था। मुंह में सिगार और बाइक चलाते हुए संजू बाबा ने इसमें भी शानदार काम किया। बिल्ला एक निर्दयी कातिल है, जो बिना-सोचे समझे किसी का भी खून कर देता है। उसके लिए खून बहाना मानों बच्चों का खेल है। अनिल कपूर, समीरा रेड्डी, महेश मांजरेकर और आदित्य पंचोली भी इस फिल्म का हिस्सा थे।
पानीपत
निर्देशक आशुतोष गोवारिकर की फिल्म 'पानीपत' ने भले ही बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास कमाल नहीं किया, लेकिन संजय दत्त अपनी नकारात्मक भूमिका से दर्शकों का ध्यान आकर्षित करने में सफल रहे। अहमद शाह अब्दाली नाम के मुगल लुटेरे का किरदार उन्होंने इतनी शिद्दत से निभाया कि उनके सामने फिल्म के हीरो अर्जुन कपूर और हीरोइन कृति सैनन का अभिनय भी फीका पड़ गया। इस फिल्म में भी संजू बाबा का लुक बहुत धांसू दिखाया गया था।