अश्विनी अय्यर तिवारी 'फाडू' के साथ करने जा रही हैं डिजिटल प्लेटफॉर्म पर डेब्यू
क्या है खबर?
फिल्म निर्माता अश्विनी अय्यर तिवारी बहुत जल्द डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अपना डेब्यू करने जा रही हैं। वह सोनी लिव की सीरीज 'फाडू' का निर्देशन करने वाली हैं।
'निल बट्टे सन्नाटा', 'बरेली की बर्फी' और 'पंगा' जैसी फिल्मों से अश्विनी को बॉलीवुड में पहचान मिली है। हाल में उनकी फिल्म 'पंगा' के लिए कंगना रनौत को एक्टिंग में राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है।
अब 'फाडू' के जरिए दो अलग सोच वाले पात्रों के बीच एक गहरी प्रेम कहानी को प्रस्तुत किया जाएगा।
बयान
'फाडू' की कहानी ऐसी है, जिसे मैं दुनिया को बताना पसंद करूंगी- अश्विनी
'फाडू' का निर्माण स्टूडियो नेक्स्ट द्वारा किया जाएगा। निर्देशक अश्विनी ने कहा कि 'फाडू' की कहानी ऐसी है, जिसे वह दुनिया को बताना पसंद करेंगी।
अश्विनी ने कहा, "एक कहानीकार के रूप में मैं खुद को चुनौती देने वाले नए पात्रों को लाने की कोशिश करती हूं, जो दर्शकों को आत्मनिरीक्षण का मौका देती है। 'फाडू' एक ऐसी ही अपरंपरागत कहानी है, जिसे मैं दुनिया को बताने के लिए बेसब्री से इंतजार कर रही हूं।"
जानकारी
टीम सही कॉन्सेप्ट के साथ इस प्रोजेक्ट पर शुरू करेगी काम
सोनी लिव के साथ वह इस प्रोजेक्ट पर काम करने वाली हैं। प्रोजेक्ट की कास्टिंग और रिलीज डेट से संबंधित जानकारियों को आने वाले दिनों में साझा किया जाएगा।
अश्विनी ने बताया कि वह 'फाडू' के जरिए सिनेमा जगत के चाहने वालों प्रशंसकों को प्रभावित कर पाएंगी।
उन्होंने आगे बताया कि उनकी टीम कुछ नया करने के लिए एक प्रकार के जुनून के साथ आगे बढ़ रही है। उनकी टीम सही कॉन्सेप्ट के साथ इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू करेगी।
सूचना
अश्विनी ने लिखी है 'मैपिंग लव' नामक किताब
हाल में अश्विनी ने 'मैपिंग लव' नामक किताब लिखी है, जिसमें उन्होंने कई कहानियों को कलमबद्ध किया है।
किताब के बारे में बात करते हुए अश्विनी ने कहा कि वह इस किताब को तीन सालों से लिख रही थीं।
अश्विनी ने कहा, "एक कहानीकार के रूप में यह ऐसी कहानियां हैं, जो हर समय में सच्चे गुण को बाहर लाने का माध्यम बनती हैं। 'मैपिंग लव' प्यार में गिरने के साथ स्थिरता से उठकर लिखने की कला की कहानी है।"
जानकारी
दर्शक हमेशा कहानी में लेते हैं रुचि
अश्विनी एक मजबूत और थ्री डायमेंशनल फीमेल लीड को स्क्रीन पर उतारने के लिए जानी जाती हैं। उन्होंने कहानी के बारे में अपना विचार साझा किया है।
उन्होंने कहा कि दर्शकों और सिनेमा के चाहने वाले इसमें दिलचस्पी नहीं रखते कि स्टोरी एक महिला लीड करती हैं या पुरुष कलाकार।
दर्शकों को इससे भी मतलब नहीं है कि प्रोजेक्ट को महिला या पुरुष निर्देशित कर रहा है, वे सिर्फ कहानी में रुचि लेते हैं।