'72 हूरें' का टीजर जारी, प्रोपेगेंडा फिल्म बता 'द केरल स्टोरी' से हो रही तुलना
सुदीप्तो सेन की 'द केरल स्टोरी' बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन कर रही है तो इसी बीच आतंकवाद पर चोट करती एक और फिल्म '72 हूरें' का टीजर जारी हो गया है। संजय पूरन सिंह चौहान द्वारा निर्देशित फिल्म के टीजर को कुछ लोग पसंद कर रहे हैं तो कुछ ने निर्माताओं को ट्रोल करते हुए इसे प्रोपेगेंडा फिल्म बताया है। उनका कहना है कि '72 हूरें' 'द कश्मीर फाइल्स' और 'द केरल स्टोरी' की तरह झूठी कहानी बताएगी।
इस दिन रिलीज होगी फिल्म
ट्रेड एक्सपर्ट तरण आदर्श ने '72 हूरें' का टीजर साझा करते हुए बताया कि 2 बार राष्ट्रीय पुरस्कार जीत चुके संजय इस फिल्म का निर्माण कर रहे है, जो 7 जुलाई रिलीज होगी। यह फिल्म गुलाब सिंह तंवर, किरण डागर और अनिरुद्ध तंवर द्वारा निर्मित और अशोक पंडित द्वारा सह-निर्मित है। फिल्म का टीजर जारी होने के बाद से ही सोशल मीडिया पर इसको लेकर बातें होने लगी हैं और ज्यादातर लोग इसे प्रोपेगेंडा फिल्म बता रहे हैं।
यहां देखें टीजर
क्या है टीजर में?
'72 हूरें' के टीजर में एक चरमपंथी नेता का भड़काऊ भाषण सुनाई दे रहा है, जिसमें जिहाद के बारे में बात की गई है। 51 सेकंड के टीजर में ओसामा बिन लादेन, अजमल कसाब, याकूब मेमन, मसूद अजहर, हाफिज सईद और सादिक सईद जैसे खूंखार आतंकवादियों और चरमपंथी नेताओं का जिक्र है। फिल्म में यह दिखाने की कोशिश की जाएगी की कैसे आतंकियों को ट्रेनिंग देकर विश्वास दिलाया जाता है कि मरने के बाद 72 कुंवारी लड़कियां उनकी सेवा करेंगी।
क्यों हो रही आलोचना?
'72 हूरें' को लोग 'द कश्मीर फाइल्स' और 'द केरल स्टोरी' के बाद एक और प्रोपेगेंडा फिल्म बता रहे हैं। उनका कहना है कि ऐसी फिल्में झूठ फैला रही हैं, लेकिन अब जनता सब समझ गई है और ये ज्यादा दिन नहीं चलेगा। एक ने लिखा, 'विवेक अग्निहोत्री और अदा शर्मा बिना प्रोपेगेंडा वाली फिल्म बनाए 200 करोड़ रुपये नहीं कमा सकते हैं।' एक अन्य ने लिखा, बॉलीवुड लगातार ऐसी फिल्में बनाने के कारण अपना आकर्षण खोता जा रहा है।'
लोगों को ट्रेलर का इंतजार
'72 हूरें' को लोगों का समर्थन भी मिल रहा है। एक ने लिखा, 'उन्हें हर वो फिल्म प्रोपेगेंडा लगती है, जो उनकी सच्चाई को लोगों के सामने लाती है। अब इस फिल्म का भी विरोध होगा।' एक अन्य ने लिखा, 'अब ट्रेलर का इंतजार है।'
72 हूरों का हवाला देकर किया जाता है ब्रेनवॉश
72 हूरें के निर्माताओं का दावा है कि फिल्म 72 हूरों की अवधारणा को उजागर करेगी, जिसका उपयोग चरमपंथी नेताओं द्वारा लोगों का ब्रेनवॉश करने के लिए किया जाता है। इसके बाद उन्हें आतंकवादी बनाया जाता है। साथ ही उन्हें यह विश्वास दिलाया जाता है कि मरने के बाद जन्नत में उनको 72 हूर मिलेंगी। उनका इस तरह से ब्रेनवॉश किया जाता है कि वे जिहाद के नाम पर बेगुनाह लोगों को मारने के लिए भी तैयार हो जाते हैं।