UGC ने जारी की चेतावनी, भूल कर भी न लें इन मेडिकल संस्थानों में प्रवेश
क्या है खबर?
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने छात्रों के लिए चेतावनी जारी की है। आयोग ने छात्रों को फर्जी यूनिवर्सिटी से सावधान रहने को कहा है।
आयोग ने छात्रों को सलाह दी है कि वे स्वयंभू सस्थानों में प्रवेश न लें। ये उनके करियर को खतरे में डाल सकते हैं।
आयोग ने 2 फर्जी मेडिकल संस्थानों के नाम भी बताए हैं और कहा है कि इन्हें डिग्री जारी करने का अधिकार नहीं है। छात्र इन संस्थानों में भूलकर भी प्रवेश न लें।
UGC
किन 2 संस्थानों को लेकर जारी किया अलर्ट?
UGC ने 2 फर्जी यूनिवर्सिटी को लेकर छात्रों को अलर्ट किया है। इसमें ओपन इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी फॉर अल्टरनेटिव मेडिसिन और नेशनल बोर्ड ऑफ अल्टरनेटिव मेडिसिन कुट्टलम शामिल हैं।
आयोग ने कहा कि ये दोनों संस्थान UGC अधिनियमों का उल्लघंन कर पाठ्यक्रमों की पेशकश कर रहे हैं। दोनों संस्थानों के पास न तो अपने नाम में यूनिवर्सिटी लगाने का अधिकार है और न ही डिग्री देने का। अगर छात्र इन संस्थानों में प्रवेश लेते हैं तो उनका भविष्य बर्बाद हो जाएगा।
Ugc
UGC ने आगे क्या कहा?
UGC ने आगे कहा कि ओपन इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी फॉर अल्टरनेटिव मेडिसिन और नेशनल बोर्ड ऑफ अल्टरनेटिव मेडिसिन कुट्टलम को डिग्री देने का अधिकार नहीं है।
आयोग की ओर से जारी चेतावनी के मुताबिक, ये दोनों संस्थान न तो यूनिवर्सिटी की लिस्ट में सेक्शन 2 (एफ) या सेक्शन 3 के तहत सूचीबद्ध हैं और न ही इन्हें UGC एक्ट, 1956 के सेक्शन 22 के मुताबिक किसी तरह की कोई डिग्री देने का अधिकार प्रदान किया गया है।
डिग्री
किसे है डिग्री प्रदान करने का अधिकार?
UGC के मुताबिक, डिग्री प्रदान करने या देने का अधिकार केवल उन यूनिवर्सिटी को है, जो एक केंद्रीय अधिनियम, एक प्रांतीय अधिनियम या एक राज्य अधिनियम के द्वारा निगमित की गई हैं।
इसके अलावा सेक्शन 3 के तहत एक यूनिवर्सिटी के तौर पर माने जाने वाले संस्थान ही डिग्री प्रदान कर सकते हैं।
संसद के अधिनियम के द्वारा विशेष रूप से सशक्त संस्थान के पास भी डिग्री प्रदान करने का अधिकार होता है।
मेडिकल
फर्जी मेडिकल संस्थानों के चंगुल में फंस जाते हैं छात्र
हाल ही में केंद्र सरकार ने जानकारी दी है कि हर साल लाखों की संख्या में छात्र NEET की परीक्षा में शामिल होते हैं।
पिछले साल 17.64 लाख छात्रों ने NEET UG की परीक्षा दी थी। परीक्षा पास करने के बाद छात्र मेडिकल संस्थानों में प्रवेश लेते हैं।
कई छात्रों को सरकारी और प्राइवेट कॉलेजों में प्रवेश नहीं मिल पाता तो वे फर्जी मेडिकल संस्थानों के चंगुल में फंस जाते हैं। ऐसे में UGC ने छात्रों को सावधान किया है।