CBSE 12वीं अकाउंटेंसी में ऐसे स्कोर करें 90 प्रतिशत से भी अधिक नंबर
क्या है खबर?
CBSE बोर्ड परीक्षाओं का समय अब पास गया है। 12वीं कॉमर्स के छात्रों के लिए अकाउंटेंसी विषय की तैयारी करना थोड़ा कठिन हो सकता है।
आपको बता दें कि अकाउंटेंसी स्कोरिंग विषयों में से एक है। सही योजना, उचित तैयारी और नियमित अभ्यास के साथ इसमें अच्छा स्कोर प्राप्त कर सकते हैं।
12वीं अकाउंटेंसी परीक्षा में 90% से अधिक स्कोर करने के लिए इस लेख में कुछ टिप्स दी गई हैं।
आइए जानें।
#1
परीक्षा पैटर्न को समझें
छात्रों को अपनी तैयारी के लिए अच्छी योजना बनाना चाहिए और अकाउंटेंसी के पूरे पाठ्यक्रम को कवर करना चाहिए। उन्हें एक ठोस अध्ययन योजना तैयार करनी चाहिए और उसका पालन करना चाहिए।
वे प्रैक्टिस और रिवीजन के लिए लक्ष्य भी निर्धारित कर सकते हैं। उन्हें नवीनतम पाठ्यक्रम के अनुसार पढ़ाई करनी चाहिए और उच्च स्कोर करने के लिए नवीनतम परीक्षा पैटर्न, मार्किंग स्कीम और प्रश्नों के प्रकार को जानना चाहिए।
जानकारी
NCERT पुस्तक पर ध्यान दें
छात्रों को पाठ्यक्रम से बाहर का नहीं पढ़ना चाहिए। कुछ विषयों के लिए वे रेफरेंस किताबें पढ़ सकते हैं। उन्हें अपनी NCERT पाठ्यपुस्तक पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। NCERT की किताबें उच्च स्कोर करने के लिए पर्याप्त है, क्योंकि प्रश्न उन पर आधारित होते हैं।
#3
प्रश्न पत्रों और सैंपल पेपरों को हल करें
कम से कम पिछले पांच वर्षों के प्रश्न पत्रों और सैंपल पेपरों को हल करना छात्रों के लिए महत्वपूर्ण है। इससे न केवल उन्हें कॉन्सेप्ट्स का रिवाजन करने में मदद मिलेगी, बल्कि कठिनाई स्तर और प्रश्नों के प्रकार का भी पता चलेगा।
वे टेस्ट से पता लगा सकते हैं कि उनकी तैयारी कितनी अच्छी है। उन्हें समय के अनुसार प्रश्नों को हल करना भी सीखना होगा। इससे वे परीक्षा के दौरान समय को सही से मैनेज कर पाएंगे।
जानकारी
इन टॉपिक्स पर ध्यान दें
छात्रों को अभ्यास करना चाहिए और सभी अध्यायों को सही से रिवीजन करना चाहिए। साथ ही उन्हें अकाउंटेंसी में महत्वपूर्ण अध्यायों जैसे फंडामेंटल्स, एडमिशन ऑफ पार्टनर, शेयर कैपिटल, रेशियो एनालिसिस और दूसरों के बीच कैश फ्लो स्टेटमेंट पर अधिक ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
#5
अपनी प्रदर्शन को देखें
पूरे सिलेबस को कवर करने के बाद छात्रों को अपने कमजोर क्षेत्रों की पहचान करनी चाहिए। उन्हें स्ट्रेटजी तैयार करके, उन पर अधिक समय देना चाहिए और अपनी कमजोरियों को दूर करना चाहिए।
उन्हें प्रत्येक प्रैक्टिस टेस्ट के बाद अपने प्रदर्शन का विश्लेषण करना चाहिए और बेहतर करने का लक्ष्य रखना चाहिए।
अपने प्रदर्शन में सुधार करने के लिए छात्र अपने प्रदर्शन का एक रिकॉर्ड रख सकते हैं।