नजमा अख्तर ने रचा इतिहास, बनीं जामिया मिलिया विश्वविद्यालय की पहली महिला VC
जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि कोई महिला वाइस चांसलर (VC)/कुलपति बनीं हैं। शैक्षणित नेतृत्व के इतिहास में इसे काफी बड़ा माना जा रहा है। चुनाव आयोग द्वारा मंजूरी मिलने के बाद मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने गुरुवार यानी 11 अप्रैल, 2019 को तीन विश्वविद्यालयों (जामिया मिलिया इस्लामिया, मोतिहारी में महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय और वर्धा में महात्मा गांधी अंर्तराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय) में कुलपति नियुक्त किए हैं। आइए जानें पूरी खबर।
नजमा अख्तर बनीं VC
जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी की पहली महिला VC प्रोफेसर नजमा अख्तर बनीं हैं। सरकार ने इसके लिए IIT दिल्ली के एसएम इश्तियाक, एसोसिएशन ऑफ यूनिवर्सिटीज के महासचिव फुरकान कमर के नाम भी नामांकित किए थे। HR मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया है कि जामिया के VC के रूप में नजमा अख्तर को, मोतिहारी केंद्रीय विश्वविद्यालय और वर्धा के महात्मा गांधी संस्करण के शीर्ष पदों के लिए संजीव शर्मा और रजनीश कुमार शुक्ला को मंजूरी दे दी गई है।
डॉ. नजमा हेपतुल्ला बनीं थी पहली महिला चांसलर
इससे पहले भी जामिया मिलिया इस्लामिया में एक और इतिहास लिखा गया था। जब साल 2017 में मणिपुर की राज्यपाल डॉ. नजमा हेपतुल्ला को पहली महिला चांसलर (कुलाधिपति) के रुप में नियुक्त किया गया था। उनके नाम को यूनिवर्सिटी कोर्ट ने मंजूरी दी है।
प्रसिद्ध शैक्षिक प्रशासक के रुप में जानी जाती हैं नजमा अख्तर
राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने नजमा अख्तर के नाम को मंजूरी दी है। आपके बता दें कि नजमा अख्तर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध शैक्षिक प्रशासक हैं। उनके पास एजुकेशनल लीडरशिप में 40 साल (चार दशक) की एकेडमिक स्कॉलरशिप है। अख्तर को NIEPA में 130 देशों के वरिष्ठ अधिकारियों के लिए अंतरराष्ट्रीय शैक्षिक प्रशासकों के पाठ्यक्रम की खोज करने के लिए जाना जाता है। अख्तर ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में एक छात्र के रूप में अलग ही पहचान बनाई थी।