शिक्षा के मामले में दिल्ली के नक्शे-कदम पर चलेंगी उत्तराखंड और आंध्र प्रदेश की सरकार
क्या है खबर?
दिल्ली सरकार द्वारा एजुकेशन सिस्टम में किए गए बदलावों को देखकर अन्य राज्य की सरकारें भी प्रभावित हो रही हैं।
अब अन्य राज्य सरकारें भी एजुकेशन सिस्टम को लेकर अपनी इच्छाएं व्यक्त कर रही हैं।
बताया जा रहा है कि आंध्र प्रदेश और उत्तराखंड प्रदेश में दिल्ली के एजुकेशन सिस्टम को फॉलो किया जा सकता है।
आंध्र प्रदेश और उत्तराखंड सरकार, प्रदेश के स्कूलों में हैप्पीनेस कोर्स (Happiness Curriculum) को शामिल कर सकती हैं।
आइए जानें क्या है पूरी खबर।
आंध्र प्रदेश
ऐसा करने वाला आंध्र प्रदेश हो सकता है पहला राज्य
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हैप्पीनेस कोर्स के लिए दिल्ली सरकार की काफी चर्चा हुई थी।
रिपोर्ट्स की मानें तो एजुकेशन सिस्टम में इस हैप्पीनेस कोर्स को शामिल करने वाला आंध्र प्रदेश पहला राज्य हो सकता है।
वहीं उत्तराखंड की बात करें तो हैप्पीनेस क्लासेज 'गवर्मेंट स्कूल, हैप्पी स्कूल' के तहत शुरू की जाएंगी।
इसी के साथ ये भी बताया जा रहा है कि जुलाई, 2019 से इसकी शुरुआत की जा सकती है।
बयान
क्या कहा उत्तराखंड के शिक्षा अधिकारियों ने
उत्तराखंड के शिक्षा अधिकारियों ने कहा है कि लोकसभा चुनाव के चलते आचार संहिता लगने के कारण इस कोर्स की शुरुआत अप्रैल, 2019 में नहीं की जा सकती है।
इसलिए इस कोर्स की क्लासेस जुलाई, 2019 में ही शुरू की जाएंगी।
इस कोर्स की शुरुआत करने का मकसद छात्रों को क्वालिटी एजुकेशन प्रदान करना है।
वहीं उत्तराखंड और आंध्र प्रदेश के अलावा लद्दाख, तमिलनाडु, तेलंगाना और झारखंड राज्य भी इस कोर्स में अपनी रूचि दिखा चुके हैं।
दिल्ली सरकार
साल 2018 में की थी दिल्ली सरकार ने शुरूआत
बता दें कि दिल्ली सरकार ने साल 2018 में ही सरकारी स्कूलों में इस कोर्स की शुरुआत कर दी थी।
इस कोर्स को पढ़ाने के लिए शिक्षकों को ट्रेनिंग भी दी गई थी और शिक्षकों के लिए हैंडबुक भी बनाए गए थे।
कई संगठनों ने दिल्ली सरकार के इस कोर्स की काफी तारीफ भी की थी।
इस कोर्स में बच्चों को सिर्फ पढ़ाई ही नहीं बल्कि पढ़ाई के साथ-साथ अलग एक्टिविटी भी करवाई जाती हैं।
हैप्पीनेस कोर्स
क्या है हैप्पीनेस कोर्स
'हैप्पीनेस करिकुलम' के तहत नर्सरी से लेकर 8वीं तक के बच्चों को भावनात्मक रूप से मजबूत किया जाएगा।
स्कूलों में हर रोज कम से कम 45 मिनट का 'हैप्पीनेस' का पीरियड लगाया जाता है।
सबसे अच्छी बात तो ये है कि इस पीरियड में सबसे पहलेे पांच मिनट का मेडीटेशन कराया जाता है।
'हैप्पीनेस करिकुलम' कोर्स में बच्चों को कहानियों के जरिए अच्छी बातें बताईं जाती हैं।
साथ ही सरकार ने इस योजना पर एक किताब भी जारी की हैं।