क्या है एक्चुरियल साइंस और कैसे बनाएं इसमें बेहतर करियर? जानें
क्या है खबर?
आज के समय में 12वीं के बाद छात्रों के पास चुनने के लिए विभिन्न दिलचस्प क्षेत्रों में प्रदान किए जाने वाले कई पाठ्यक्रम है।
इस तरह के रोमांचक क्षेत्रों में से एक एक्चुरियल साइंस (बीमांकिक विज्ञान) भी है, जो भारत में धीरे-धीरे लोकप्रियता हासिल कर रहा है।
यह अच्छा करियर विकल्प है, लेकिन बहुत से लोगों को एक्चुरियल साइंस के क्षेत्र के बारे ज्यादा पता नहीं है।
आइए जानें एक्चुरियल साइंस क्या है और इसमें कैसे करियर बनाएं।
जानकारी
क्या है एक्चुरियल साइंस?
एक्चुरियल साइंस एक ऐसा क्षेत्र है, जिसमें बीमा व फाइनेंस उद्योगों और सरकार की विभिन्न समस्याओं को हल करने के लिए मैथमैटिकल और स्टैटिक्स मेथड के अनुप्रयोग शामिल हैं।
सीधे शब्दों में कहें तो एक्चुअरल साइंस मैथमैटिकल और स्टैटिक्स विधियों का उपयोग करके जोखिमों का अध्ययन है।
गणित और आंकड़ों के अलावा इसमें फाइनेंस, इकोनॉमिक्स और दूसरों के बीच संभावना जैसे कई संबंधित विषय भी शामिल हैं।
पढ़ाई
12वीं के बाद करें ये
जिन छात्रों ने 12वीं पूरी कर ली है, वे एक्चुरियल साइंस में बैचलर ऑफ साइंस (B.Sc) कर सकते हैं।
पाठ्यक्रम में शामिल कुछ विषयों में रिस्क मैनेजमेंट, फोरकास्टिंग थ्योरी, रिस्क टेबलों का विस्तार, कंप्यूटर-सहायक रिसर्च, द्वितीयक डेटा विश्लेषण आदि हैं।
इस कोर्स की पेशकश करने वाले अधिकांश कॉलेज उन छात्रों को प्रवेश देते हैं, जिन्होंने 12वीं गणित या बिजनेस मैथमेटिक्स के साथ कोर सब्जेक्ट के रूप में पास किया हो।
संस्थान
इन कॉलेज से कर सकते हैं पढ़ाई
एक्चुरियल साइंस में B.Sc भारत के कई कॉलेजों द्वारा प्रदान किया जाता है।
टॉप में से कुछ में कवयित्री बाहिनाबाई चौधरी उत्तर महाराष्ट्र विश्वविद्यालय (जलगाँव), बिशप हेबर कॉलेज (तिरुचिरापल्ली, तमिलनाडु), एमिटी विश्वविद्यालय और एमिटी स्कूल ऑफ एक्चुएरियल साइंस (नोएडा, चंडीगढ़ विश्वविद्यालय) (चंडीगढ़) और बाबू बनारसी दास विश्वविद्यालय (लखनऊ) शामिल हैं।
इसके साथ ही आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कई कॉलेज एक्चुरियल साइंस में पोस्ट ग्रेजुएशन पाठ्यक्रम भी प्रदान करते हैं।
काम
किस क्षेत्र में कार्य करता है एक्चुरियल साइंस
एक्चुरियल साइंस में करियर में मुख्य रूप से रिस्क असिस्टेंट का मूल्यांकन, प्रीमियम की गणना, वित्तीय योजना, मैनेजमेंट, प्रोजक्ट प्राइजिंग, निर्णय लेने के लिए गणितीय/सांख्यिकीय/आर्थिक विश्लेषण के आवेदन और बीमा और निवेश जैसे वित्तीय उत्पादों के मूल्यांकन शामिल हैं।
भारत में ये आम तौर पर बीमा, पुनर्बीमा, पेंशन फंड, जोखिम प्रबंधन, निवेश और वित्तीय सेवाओं के परामर्श, बैंकिंग और स्टॉक एक्सचेंज, सरकार आदि के क्षेत्र में कार्य करता है।
जानकारी
मिलता है इतना वेतन
एक्चुरियल साइंस में ग्रेजुएशन करने वाले को आमतौर पर लगभग चार से पांच लाख रुपये का पैकेज मिलता है। लगभग 5 वर्षों का अनुभव प्राप्त करने के बाद वे 10 से 15 लाख रुपये प्रति साल वेतन की नौकरी कर सकते हैं।