केरल की इस महिला के जज्बे को सलाम, ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ दी UPSC परीक्षा
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने देशभर में 2 जून, 2019 को सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा आयोजित की थी। इस साल एक ऐसी महिला ने परीक्षा दी है, जिसके बारे में आप सुनकर चौंक जाएंगे। दुर्लभ हड्डी रोग से पीड़ित एक महिला ने ऑक्सीजन लगाकर UPSC की परीक्षा दी है। जी हां, लतीशा अंसारी ने ये साबित कर दिया है कि अगर आप मेहनत और सच्चे मन से कुछ करना चाहते हैं, तो कोई परेशानी आपको नहीं रोक सकती।
जन्म से ही हैं इस बीमारी का शिकार
केरल के कोट्टायम की रहने वाली 24 वर्षीय लतीशा अंसारी ने व्हीलचेयर पर बैठकर और उसके बगल में ऑक्सीजन सिलेंडर लगाकर अत्यधिक प्रतिष्ठित प्रारंभिक सिविल सेवा परीक्षा दी है। लतीशा जन्म से ही टाइप-2 ऑस्टियोजेनेसिस इम्परफेक्टा और पिछले एक साल से पल्मोनरी हाइपरटेंशन से पीड़ित हैं। आपको जानकारी के लिए बता दें कि टाइप-2 ऑस्टियोजेनेसिस इम्परफेक्टा में लोगों की हड्डियां बेडौल और कमजोर हो जाती हैं, जिस कारण काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
पिता ने किया जिला कलेक्टर का धन्यवाद
लतीशा को सांस लेने में परेशानी होती है, तब वह ऑक्सीजन का इस्तेमाल करती हैं। लतीशा कोट्टायम के इरुमेली की रहने वाली है। उनके पिता अंसारी ने एक पोर्टेबल ऑक्सीजन कंसंट्रेशन निशुल्क ही परीक्षा केंद्र में मुहैया कराने के लिए कोट्टायम के जिला कलेक्टर पीआर सुधीर बाबू को धन्यवाद दिया। लतीशा के जज्बे को सलाम करना पड़ेगा, कि उन्होंने इन हालातों में भी अपने IAS बनने के सपने को छोड़ा नहीं और उसके लिए लगातार मेहनत की।
मेडिकल के लिए हर महीने होता है इतना खर्च
लतीशा पिछले डेढ़ साल से UPSC परीक्षा देने के लिए तैयारी कर रही हैं और उन्हें उम्मीद है कि वे परीक्षा को पास भी कर पाएंगी। लतीशा की बीमारी के कारण उनको हर महीने मेडिकल के लिए लगभग 25,000 रूपये की जरूरत पड़ती है।
परीक्षा देते हुए लतीशा
पेंटिंग, संगीत में भी है दिलचस्पी
अंसारी ग्लास पेंटिंग और कीबोर्ड प्ले करने में भी रुचि लेती हैं। अंसारी संगीत कार्यक्रमों के लिए टेलीविजन पर दिखाई दे चुकी हैं। उन्होंने द न्यूज मिनट को बताया कि चौथी क्लास से उनकी संगीत में रुचि विकसित हुई है।
अंसारी जैसे IAS उम्मीदवारों के लिए होनी चाहिए बेहतर सुविधाएं
इस तरह की बीमारियों के लिए बनी एक संस्था 'अमृतवर्षिनी' की लता नायर ने UPSC से अंसारी जैसे IAS उम्मीदवारों के लिए सुविधाओं में सुधार करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि सरकार को यह समझने की जरूरत है कि यह एक दुर्लभ आनुवंशिक विकार है, जो 20,000 लोगों में से एक को प्रभावित करता है। इसे दुर्लभ बीमारियों की लिस्ट के तहत लाया जाना चाहिए और विकलांग लोगों के लिए बने कानून में शामिल किया जाना चाहिए।
इस बार UPSC परीक्षा का स्तर था कठिन
रविवार को सिविल सेवा प्रीलिम्स परीक्षा में उपस्थित हुए उम्मीदवारों को पेपर का स्तर कठिन लगा। UPSC की परीक्षा देने वाले छात्रों के अनुसार इतिहास के भाग को हल करना मुश्किल था। इकोनॉमिक्स के भाग में मनी मल्टीप्लायर और गरीबी रेखा के प्रश्न शामिल थे। इस भाग को हल करने के लिए छात्रों को इसके बारे में विस्तार से जानकारी होनी चाहिए। इतिहास और अर्थशास्त्र के अलावा करंट अफेयर्स का भाग अपेक्षाकृत आसान था।