इन पांच GATE टॉपर की कहानी से मिलेगी प्रेरणा, जानें कैसे पास की परीक्षा
ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग (GATE) सबसे अधिक लोकप्रिय प्रतियोगी परीक्षाओं में से एक है। यह इंजीनियरिंग/प्रौद्योगिकी में पोस्टग्रेजुएशन पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आयोजित की जाती है। PSU भर्ती के लिए GATE स्कोर का उपयोग किया जाता है। GATE परीक्षा को अच्छी रैंक के साथ पास करना आसान नहीं है। कुछ GATE टॉपर हैं, जिन्होंने परीक्षा में अच्छी रैंक हासिल की है। यहां ऐसे पांच GATE टॉपर्स की प्रेरणादायक कहानियां बताई हैं।
अमित कुमार पहले प्रयास में ही बनें टॉपर
बिहार के सिमरी गांव के अमित कुमार ने पहले प्रयास में पेट्रोलियम इंजीनियरिंग में ऑल इंडिया रैंक (AIR) 1 के साथ GATE 2018 परीक्षा को पास किया था। वह तब IIT (ISM) धनबाद में B.Tech फाइनल ईयर में थे और GATE परीक्षा से 5-6 महीने पहले ही तैयारी शुरू कर दी थी। अमित हमेशा एक अच्छे छात्र थे और कम आय वाले परिवार से थे। उनके पिता एक किसान हैं। उन्होंने अच्छी शिक्षा प्रदान करने के लिए कड़ी मेहनत की।
सायंतन भट्टाचार्य ने 5वें प्रयास में हासिल की AIR-5
सायंतन भट्टाचार्य की GATE सफलता की कहानी यह साबित करती है कि दृढ़ता ही सफलता की कुंजी है। उन्होंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में GATE 2019 की परीक्षा में AIR-5 हासिल की। हालाँकि यह उनका GATE परीक्षा के लिए पांचवां प्रयास था। अपने इस प्रयास में उन्होंने सफलता हासिल की। कई असफल प्रयासों (2014, 2015, 2017 और 2018 में) के बावजूद उन्होंने टॉप रैंक के साथ परीक्षा में सफल होने तक कभी भी हार नहीं मानी।
दिखाई न देने के बावजूद भी हासिल की AIR-2
प्रतीश दत्ता की कहानी वास्तव में प्रेरणादायक है। दिखाई न देने के बावजूद उन्होंने गणित में GATE-2012 में AIR-2 हासिल की। जब वह छह महीने के थे तब उनको रेटिनोस्किसिस का पता चला था। उन्होंने स्नातक करने के दौरान अपनी दृष्टि पूरी तरह खो दी थी। वह पढ़ाई के लिए पूरी तरह से अपनी मां पर निर्भर थे। उन्होंने 2012 में IIT खड़गपुर में M.Sc में सर्वश्रेष्ठ अकादमिक प्रदर्शन के लिए प्रोफेसर जगदीश चंद्र बोस मेमोरियल गोल्ड मेडल प्राप्त किया।
मधुकांत गोयल ने फाइनेंशियल बाधाओं के बावजूद GATE में AIR-11 हासिल की
मधुकांत गोयल ने सिविल इंजीनियरिंग में AIR-11 हासिल करके GATE 2018 की परीक्षा में सफलता हासिल की थी। NIT जमशेदपुर से B.Tech करने वाले गोयल एक गरीब परिवार से थे। हालाँकि उनके परिवार के लिए उनके शिक्षा के खर्च को उठाना करना काफी कठिन था, लेकिन उनके पिता ने कड़ी मेहनत की और हमेशा उन्हें अपनी पढ़ाई पर ध्यान देने और पैसे के बारे में नहीं सोचने के लिए कहा। उन्होंने GATE-2016 में प्रयास किया, जिसमें उनकी AIR-2037 आई।
नदीश अग्रवाल की कहानी से भी मिलती है प्रेरणा
नदीश अग्रवाल ने अपने तीसरे प्रयास में GATE-2016 (इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग) में AIR-21 हासिल की थी। वह GATE-2013 के लिए उपस्थित हुए थे, जिसमें उनकी AIR-9000 आई। उन्होंने 2013 में BIT, मेसरा से स्नातक किया और एक प्राइवेट कंपनी के लिए काम करना शुरू किया। हालांकि उन्होंने इस्तीफा दे दिया। वे PSU में अपना करियर बनाना चाहते थे। उन्होंने फुल-टाइम तैयार की, लेकिन GATE-2015 में AIR-581 हासिल की। उन्होंने आशा नहीं खोई और 2016 में और AIR-21 हासिल की।