एग्रीकल्चर है एक अच्छा विकल्प, जानिए कैसे बनाएं इस क्षेत्र में बेहतरीन करियर
क्या है खबर?
जब कोई भी छात्र अपनी स्कूल की पढ़ाई पूरी कर लेता है तो उसके मन में बहुत से सवाल जैसे वो कौन सा करियर चुनें, किस कोर्स के क्या फायदे हैं, आदि आते हैं।
आज के दौर में जहां सब डॉक्टर, इंजीनियर जैसा अच्छे स्कोप वाला करियर चुनते हैं, वहीं कुछ छात्र ऐसा करियर चुनना चाहते हैं जिसमें स्कोप के साथ-साथ कुछ अलग और नया करने का मौका मिले।
ऐसे में आप एग्रीकल्चर में करियर बना सकते हैं।
आइए जानें।
जानकारी
क्या है एग्रीकल्चर?
एग्रीकल्चर एक मिश्रण है जिसमें विज्ञान, कला और व्यवसाय शामिल हैं।
एग्रीकल्चर एक लैटिन शब्द है। ये दो शब्दों 'Ager' और 'Culture' से मिलकर बना है।
'Ager' का मतलब 'मिट्टी' और 'Culture' का मतलब 'संस्कृति' होता है।
पौधों या पशुओं से सम्बंधित उत्पादों की खेती या उत्पादन करने को एग्रीकल्चर कहते हैं।
एग्रीकल्चर या कृषि के अंतर्गत फसल उत्पादन, पशुपालन और डेयरी विज्ञान, कृषि रसायन और मृदा विज्ञान आदि शामिल है।
एग्रीकल्चर कोर्स
ये हैं कोर्स, इन विषयों से करें एग्रीकल्चर की पढ़ाई
12वीं के बाद एग्रीकल्चर में करियर बनाने के लिए छात्र एग्रीकल्चर में BSc या BSc ऑनर्स कर सकते हैं।
छात्र ये डिग्री एग्रीकल्चर, वेटरनरी साइंस, एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग, फॉरेस्टरी, डेयरी टेक्नोलॉजी, फिशरी, सेरीकल्चर, हॉर्टीकल्चर, फूड साइंस, होम साइंस, मार्केटिंग, बैंकिंग एंड कोऑपरेशन में से किसी भी एक विषय में हासिल कर सकते हैं।
इनके अलावा आप एग्रीकल्चर के PG कोर्स और PhD कर सकते हैं। कुछ यूनिवर्सिटी केवल पोस्ट ग्रेजुएट और PhD में दाखिला देती हैं।
सर्टिफिकेट/डिप्लोमा कोर्स
10वीं या 12वीं के बाद करें एग्रीकल्चर सर्टिफिकेट और डिप्लोमा कोर्स
आप 10वीं या 12वीं के बाद एग्रीकल्चर सर्टिफिकेट कोर्स और डिप्लोमा कोर्सेज भी कर सकते हैं।
सर्टिफिकेट कोर्स की अवधि 1-2 साल के बीच की होती है। आप सर्टिफिकेट इन एग्रीकल्चर साइंस, सर्टिफिकेट इन फ़ूड एंड बेवरीज सर्विस और सर्टिफिकेट इन बायो-फ़र्टिलाइज़र प्रोडक्शन में दाखिला ले सकते हैं।
डिप्लोमा कोर्सेज की अवधि आम तौर पर तीन साल होती है, लेकिन संस्थान और कोर्स के आधार पर यह एक से तीन साल के बीच भी हो सकती है।
जानकारी
ये हैं डिप्लोमा कोर्सेज
अगर आप डिप्लोमा कोर्सेज करना चाहते हैं तो आप डिप्लोमा इन एग्रीकल्चर, डिप्लोमा इन एग्रीकल्चर एंड अलाइड प्रैक्टिस और डिप्लोमा इन फ़ूड प्रोसेसिंग में दाखिला ले सकते हैं। एग्रीकल्चर में डिप्लोमा कोर्सेज भी एक अच्छा विकल्प है।
संस्थान
ये संस्था देती है दाखिला
इंडियन एग्रीकल्चरल रिसर्च इंस्टीट्यूटए नई दिल्ली, इंडियन वेटरनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट, इजाजतनगर उत्तर प्रदेश आदि केवल PG और PhD कोर्सेज में दाखिला देती हैं।
एग्रीकल्चर करने के इच्छुक छात्र नेशनल डेयरी रिसर्च इंस्टीट्यूट, करनाल और इलाहाबाद एग्रीकल्चरल इंस्टीट्यूट में तीनों स्तरों की पढ़ाई के लिए दाखिला ले सकते हैं।
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय और इंडियन एग्रीकल्चरल रिसर्च इंस्टीट्यूट में आप एग्रीकल्चरल फिजिक्स, बायोटेक्नोलॉजी, प्लांट पैथोलॉजी, प्लांट ब्रिडिंग व जेनेटिक्स जैसे स्पेशलाइज्ड कोर्सेज में दाखिला ले सकते हैं।
जानकारी
मैनेजमेंट कोर्सेज में भी ले सकते हैं दाखिला
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि एग्रीकल्चर से जुड़े क्षेत्रों में आप मैनेजमेंट कोर्सेज में भी दाखिला ले सकते हैं। छात्र एग्रीबिजनेस, प्लांटेशन मैनेजमेंट आदि कोर्सों में दाखिला लेकर एक बेहतर और अच्छा करियर बना सकते हैं।
नौकरी के क्षेत्र
ऐसे लें दाखिला, करें इन क्षेत्र में नौकरी
एग्रीकल्चरल साइंस या इंजीनियरिंग के कोर्सेज के लिए प्रवेश परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं।
कुछ राज्य इंजीनियरिंग, मेडिकल और एग्रीकल्चर कोर्सेज में प्रवेश के लिए कॉमन एंट्रेस टेस्ट आयोजित करते हैं। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, अखिल भारतीय स्तर पर प्रवेश परीक्षा आयोजित करती है।
एग्रीकल्चर से सम्बंधित कोर्स करने के बाद आप सरकारी और निजी संगठनों में नौकरी कर सकते हैं।
साथ ही आप कृषि व्यवसाय, कृषि उत्पादों की दुकान, कृषि उद्योग आदि जैसे खुद का व्यवसाय कर सकते हैं।
योग्यता
क्या है योग्यता?
अगर आप एग्रीकल्चरल साइंटिस्ट बनना चाहते हैं तो जरूरी है कि आपने 12वीं फिजिक्स, केमिस्ट्री, गणित के अलावा बायोलॉजी विषयों के साथ पास की हो।
यदि आपको एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग क्षेत्र में दाखिला लेना है तो आपके पास बैचलर इन इंजीनियरिंग या टेक्नोलॉजी अथवा कम से कम एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग में डिप्लोमा होना चाहिए।
प्रोफेशल कोर्स में प्रवेश लेना हैं तो इसके लिए आपके पास संबंधित विषयों में स्पेशलाइजेशन के साथ-साथ एग्रीकल्चरल साइंस या इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री होना जरूरी है।