ये IFS अधिकारी हैं भारत के सबसे युवा एम्बेसडर, जानें
क्या है खबर?
UPSC सिविल सेवा परीक्षा (CSE), सबसे चुनौतीपूर्ण परीक्षाओं में से एक है, जो भारतीय विदेश सेवा (IFS) सहित विभिन्न सिविल सेवाओं में भर्ती के लिए आयोजित की जाती है।
कई लोग IFS में शामिल होने का सपना देखते हैं, लेकिन इसके लिए चयनित होना कोई आसान बात नहीं है। हालांकि कुछ उम्मीदवार ऐसे हैं, जो IFS में शामिल हो गए और काफी कम उम्र में ही एम्बेसडर बन गए।
यहां ऐसे ही IFS अधिकारी के बारे में बताया गया है।
#1
राहुल श्रीवास्तव हैं सबसे युवा एम्बेसडर में से एक
1999 बैच के IFS अधिकारी राहुल श्रीवास्तव भारत के सबसे कम उम्र के एम्बेसडर नियुक्त किए गए हैं।
श्रीवास्तव को 40 वर्ष की आयु में 2015 में वेनेजुएला में भारत के एम्बेसडर नियुक्त किए गए थं। वह वर्तमान में विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव हैं।
आपको बता दें कि एम्बेसडर बनने से पहले उन्होंने रूस, कजाकिस्तान और ब्रिटेन में भी कई प्रतिष्ठित पदों पर कार्य किया था।
#2
डॉ प्रदीप सिंह राजपुरोहित भी हैं इस लिस्ट में शामिल
2004 बैच के IFS अधिकारी डॉ प्रदीप सिंह राजपुरोहित को 2017 में इराक गणराज्य में भारत का एम्बेसडर नियुक्त किया गया था।
राजस्थान के जोधपुर के एसएन मेडिकल कॉलेज से स्नातक करने के बाद वह 2003 के UPSC CSE में शामिल हुए, जिसमें उन्होंने अखिल भारतीय रैंक (AIR) 13 हासिल की।
इस IFS अधिकारी को लगभग 38 वर्ष की आयु में इराक में एम्बेसडर के रूप में नियुक्त किया गया था।
#3
अभय कुमार वर्तमान के एम्बेसडरों में हैं सबसे कम उम्र के
2003 बैच के IFS अधिकारी अभय कुमार भारत के वर्तमान सेवारत एम्बेसडरों में सबसे कम उम्र के हैं।
उन्हें 2018 में मेडागास्कर में भारत का एम्बेसडर नियुक्त किया गया था, जब वह केवल 38 वर्ष के थे।
2019 में उन्हें एक ही समय पर कोमोरोस संघ के भारत के राजदूत के रूप में नियुक्त किया गया था।
उन्होंने पहले रूस, नेपाल, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया में अन्य देशों के बीच विभिन्न राजनयिक पद संभाले थे।
#4
IAF अधिकारी बिरजा प्रसाद थे ताजिकिस्तान में भारत के राजदूत
1998 बैच के IFS अधिकारी स्वर्गीय बिरजा प्रसाद का नाम सबसे युवा एम्बेसडरों में से एक हैं।
ओडिशा के भुवनेश्वर के रहने वाले प्रसाद को 2015 में ताजिकिस्तान गणराज्य में भारत का एम्बेसडर नियुक्त किया गया था।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि दुर्भाग्य से तजाकिस्तान के राजदूत का साल 2016 में 43 साल की उम्र में दुशांबे में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया।
जानकारी
पूर्व एम्बेसडर मोनी चड्ढा
पूर्व एम्बेसडर सुरिंदर मोहन सिंह चड्ढा (जिन्हें मोनी चड्ढा के नाम से जाना जाता है)अब तक के सबसे कम उम्र के भारतीय एम्बेसडरों में से एक है। 1974 में 37 वर्ष में उन्हें अर्जेंटीना में भारत के राजदूत के रूप में नियुक्त किया गया।