CBSE Board Exam: इस बार आसान होंगी परीक्षाएं, जानें क्यों इस्तेमाल होगा ट्रेटा सॉफ्टवेयर
CBSE की बोर्ड परीक्षाएं 15 फरवरी, 2019 से शुरू होने वाली हैं और छात्रों ने अपनी परीक्षा की तैयारी भी कर ली होगी। इस बार बोर्ड परीक्षाएं आसान होने वाली हैं। साथ ही इस साल की बोर्ड परीक्षाओं में ट्रेटा सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल भी किया जा रहा है। अगर आप भी इस बार परीक्षाओं में शामिल होने वाले हैं तो आपको पता होना चाहिए कि परीक्षाएं क्यों आसान होंगी और इस सॉफ्टवेयर का क्या असर होगा? आइए जानें।
क्यों आसान होंगी परीक्षाएं
इस बार CBSE बोर्ड परीक्षाओं के पैटर्न में कई बदलाव किए गए हैं, जिससे छात्रों के लिए परीक्षा आसान हो गई है। इस बार परीक्षाओं में ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्नों की संख्या बढ़ा दी गई है। इसके साथ ही इस बार प्रश्नों के विकल्प भी बढ़ा दिए गए हैं। एक अधिकारी ने बताया है कि हर साल परीक्षा में 10% ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्न होते थे, लेकिन इस बार इन प्रश्नों की संख्या 25% कर दी गई है।
33% प्रश्न विकल्प के तौर पर हैं मौजूद
अधिकारी ने ये भी कहा कि इससे छात्रों का आत्मविश्वास भी बढ़ेगा। साथ ही कहा कि इस बार छात्रों के पास लगभग 33% प्रश्न विकल्प के तौर पर मौजूद होंगे। जिससे छात्र परीक्षा में अच्छे नंबर स्कोर कर सकते हैं।
पेपर लीक घटनाओं को रोकने के लिए होगा डिजिटल टेक्नोलॉजी इस्तेमाल
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) पेपर लीक जैसी घटनाओं पर रोक लगाने की कोशिश कर रहा है और साथ ही परीक्षार्थियों को समान अवसर भी देना चाह रहा है। इस कोशिश के लिए बोर्ड डिजिटल टेक्नोलॉजी का भी इस्तेमाल कर रहा है। बोर्ड टेक्नोलॉजी के माध्यम ये कोशिश कर रहा है कि इस बार बोर्ड परीक्षा में विद्यार्थियों को अनुचित रूप से कठिन प्रश्न-पत्र या बाहर से आ गए किसी प्रश्न का अनावश्यक खामियाजा न भुगतना पड़े।
इस सॉफ्टवेयर से होगी पेपर के डिफिकल्टी की जांच
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बोर्ड की ओर से इस बार थ्योरी इवैल्यूएशन ट्रेंड एनालिसिस (TETRA या ट्रेटा) सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाएगा। इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से पेपर के डिफिकल्टी की जांच की जाती है। जिससे कि परीक्षार्थियों को समान डिफिकल्टी वाला पेपर मिल सके। इसका इस्तेमाल पिछले साल भी सभी क्षेत्रों के छात्रों द्वारा परीक्षा में प्राप्त किए गए नंबरों के रुझान के अध्ययन के लिए किया गया था।