
मई में कम हुई थोक महंगाई, 14 महीने के सबसे निचले स्तर पर पहुंची
क्या है खबर?
देश में थोक महंगाई दर घटकर 14 महीने के सबसे निचले स्तर पर आ गई, जो मार्च, 2024 के बाद सबसे कम है।
आंकड़ों के अनुसार, थोक मुद्रास्फीति (WPI) मई में सालाना आधार पर 0.39 फीसदी पर आ गई, जो अप्रैल में 0.85 फीसदी थी।
यह रुझान मुख्य रूप से सब्जियों, प्याज और दालों जैसे खाद्य पदार्थों की कीमतों में गिरावट के कारण है। थोक खाद्य मूल्य वृद्धि दर घटकर 1.72 फीसदी रह गई, जो पिछले महीने 2.55 फीसदी थी।
कारण
इस कारण महंगाई हुई कम
मैन्युफैक्चरिंग प्रोडक्ट्स थोक महंगाई दर 2.62 प्रतिशत से कम होकर 2.04 प्रतिशत रह गई है, जबकि मैन्युफैक्चिंग WPI 2.62 से घटकर 2.04 प्रतिशत पर आ गया है।
आलू की थोक महंगाई -24.30 प्रतिशत से कम होकर -29.42 प्रतिशत पर आ गई है। प्याज की थोक महंगाई 0.20 प्रतिशत से कम होकर -14.41 प्रतिशत और सब्जियों की महंगाई -18.26 से गिरकर -21.62 प्रतिशत आ गई।
इसके अलावा मांस, मछली और अंडे का WPI -0.29 से घटकर -1.01 प्रतिशत पर आ गया।
खुदरा महंगाई
कितनी कम हुई खुदरा महंगाई?
मई में प्राथमिक वस्तुओं की मुद्रास्फीति घटकर 2.02 फीसदी रह गई, जबकि अप्रैल में इसमें 1.44 फीसदी की गिरावट आई थी।
ईंधन और बिजली की मुद्रास्फीति दर में मई में 2.27 फीसदी की गिरावट आई, जबकि अप्रैल में इसमें 2.18 फीसदी की गिरावट आई थी।
दूसरी तरफ, देश की खुदरा मुद्रास्फीति मई में घटकर 2.82 फीसदी रह गई, जो 6 साल से अधिक का निचला स्तर है। इस गिरावट से आमजन को महंगाई से राहत मिली है।