
कौन हैं श्रीकांत बोला, जो बने शार्क टैंक इंडिया के दृष्टिबाधित जज?
क्या है खबर?
शार्क टैंक इंडिया ने हाल ही में अपने पैनल में श्रीकांत बोला नामक नए जज का स्वागत किया है, जो दृष्टिबाधित हैं और एक सफल उद्यमी और बोलेंट इंडस्ट्रीज के संस्थापक हैं।
उन्होंने इंस्टाग्राम पर इस शो का हिस्सा बनने की घोषणा की और इसे भारतीय उद्यमिता के लिए प्रेरणादायक बताया है।
उनकी कंपनी 15 करोड़ डॉलर (लगभग 1,300 करोड़ रुपये) से अधिक का वार्षिक राजस्व अर्जित करती है। दिवंगत उद्योगपति रतन टाटा ने भी उनकी तारीफ की थी।
परिचय
श्रीकांत बोला का करियर और शिक्षा
श्रीकांत का जन्म 7 जुलाई, 1991 को आंध्र प्रदेश के एक छोटे से गांव में हुआ था।
उन्होंने कक्षा 12 में 98 प्रतिशत अंक प्राप्त किए, लेकिन इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश पाने के लिए कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ी। IIT में प्रवेश न मिलने पर उन्होंने MIT में पढ़ाई की, जहां वे पहले दृष्टिबाधित छात्र बने।
वहां उन्होंने दृष्टिहीन छात्रों के लिए कंप्यूटर प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किया। बाद में, वे भारत लौटे और सामाजिक कार्यों में भी योगदान देने लगे।
योगदान
अन्य उपलब्धियां और योगदान
श्रीकांत ने 2011 में दृष्टिबाधित छात्रों के लिए ब्रेल प्रिंटिंग प्रेस की स्थापना की।
उन्होंने लीड इंडिया प्रोग्राम में एक युवा नेता के रूप में काम किया, जिससे लाखों लोगों को रोजगार और नेतृत्व का प्रशिक्षण मिला। 2017 में, उन्हें फोर्ब्स एशिया की '30 अंडर 30' सूची में शामिल किया गया।
उनकी कंपनी पर्यावरण-अनुकूल उत्पाद बनाती है और कई विकलांग लोगों को रोजगार भी देती है। उनकी सफलता की कहानी कई युवाओं के लिए प्रेरणा बनी हुई है।