वीवर्क अगले सप्ताह दिवालियापन के लिए कर सकती है आवेदन - रिपोर्ट
को-वर्किंग स्पेस उपलब्ध कराने वाली कंपनी वीवर्क अगले हफ्ते दिवालियापन के लिए आवेदन करने की कगार पर है। वीवर्क ने अगस्त में अपनी दूसरी तिमाही की आय में चेतावनी दी थी कि कंपनी का जारी रहना संदेह का विषय है। मामले से परिचित एक सूत्र के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया कि सॉफ्टबैंक द्वारा समर्थित यह कंपनी बड़े पैमाने पर कर्ज और भारी घाटे से जूझ रही है। आइये पूरी खबर जानते हैं।
इन चुनौतियों से जूझ रही है वीवर्क
कंपनी को बीते कुछ वर्षों से कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। सबसे बड़ी मुश्किल को-वर्किंग स्पेस की मांग में लगातार आने वाली गिरावट है। रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना वायरस महामारी के दौरान वीवर्क की परेशानियां और बढ़ गईं, जब कंपनियों ने अपने ऑफिस खाली कर दिए और कर्मचारियों ने घरों से काम करना शुरू कर दिया। कुछ कंपनियों ने ऑफिस खोले हैं, लेकिन को-वर्किंग स्पेस की मांग कोरोना से पहले के दिनों जैसी नहीं रह गई है।
बांडधारकों को ब्याज का भुगतान करने से चूकी वीवर्क
सिक्योरिटीज फाइलिंग के अनुसार, इस महीने की शुरुआत में वीवर्क अपने बांडधारकों को ब्याज का भुगतान करने से चूक गई और उन भुगतानों को पूरा करने के लिए उसे 30 दिन का समय दिया गया था। वीवर्क ने 30 अक्टूबर को कहा कि उसने अपनी बैलेंस शीट में सुधार के लिए अपने कैपिटल स्ट्रक्चर वाले हितधारकों सॉफ्टबैंक और गोल्डमैन सैश के साथ चर्चा शुरू कर दी है। कंपनी अपने रियल एस्टेट को तर्कसंगत बनाने के लिए कदम उठा रही है।
वर्ष 2019 में 4 लाख करोड़ थी वीवर्क की कीमत
दिवालियापन की कगार पर वीवर्क का पहुंचना उस कंपनी के लिए एक बड़ा उलटफेर होगा, जिसकी वर्ष 2019 में निजी तौर पर लगभग 4 लाख करोड़ कीमत थी। वीवर्क अगर दिवालियापन दायर करती है तो यह उसके निवेशक सॉफ्टबैंक के लिए भी बड़ा झटका होगा। इससे सॉफ्ट बैंक की भारी रकम डूब जाएगी। दरअसल, दिग्गज जापानी निवेशक सॉफ्टबैंक ने इस स्टार्टअप को बढ़ाने के लिए अबरों रुपये निवेश किए हैं, लेकिन वीवर्क को लगातार नुकसान हो रहा है।
अगस्त में कंपनी ने दिखाया था 3,200 करोड़ रुपये का घाटा
को-वर्किंग स्पेस उपलब्ध कराने वाली 13 वर्ष पुरानी इस कंपनी ने अगस्त में दूसरी तिमाही के लिए लगभग 7,200 करोड़ रुपये के राजस्व पर लगभग 3,200 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा दिखाया था, जबकि कंपनी का राजस्व साल-दर-साल 4 प्रतिशत बढ़ रहा था। उसी समय कंपनी ने परिचालन जारी रखने की अपनी क्षमता के बारे में संदेह जताया था। इस साल कंपनी के CEO संदीप मथरानी सहित कई शीर्ष अधिकारी कंपनी छोड़कर चले गए हैं।