मशहूर निवेशक वॉरेन बफेट ने बर्कशायर हैथवे के CEO पद से दिया इस्तीफा
क्या है खबर?
अमेरिका के मशहूर निवेशक वॉरेन बफेट ने बर्कशायर हैथवे के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) पद से इस्तीफा दे दिया है। करीब 6 दशकों तक कंपनी की कमान संभालने वाले बफेट ने एक छोटे टेक्सटाइल कारोबार को दुनिया की सबसे बड़ी निवेश कंपनियों में बदल दिया। उनकी अगुवाई में बर्कशायर का मूल्यांकन 1 लाख करोड़ डॉलर (लगभग 90 लाख करोड़ रुपये) से ऊपर पहुंच गया। बफेट की विदाई को कॉरपोरेट इतिहास के एक बड़े अध्याय का अंत माना जा रहा है।
कमान
अब कौन संभालेगा बर्कशायर की कमान?
बर्कशायर हैथवे ने साफ किया है कि बफेट के जाने के बाद 1 जनवरी, 2026 से ग्रेग एबेल कंपनी के नए CEO होंगे। एबेल वर्तमान में नॉन-इंश्योरेंस बिजनेस के वाइस चेयरमैन हैं और लंबे समय से बफेट के भरोसेमंद सहयोगी रहे हैं। उन्होंने एनर्जी और इंफ्रास्ट्रक्चर कारोबार को मजबूत किया है। कंपनी को उम्मीद है कि एबेल की लीडरशिप में बर्कशायर की निवेश रणनीति और कामकाज की दिशा बनी रहेगी।
पोर्टफोलियो
बफेट की निवेश विरासत और पोर्टफोलियो
बफेट की लीडरशिप में बर्कशायर हैथवे ने ऐपल, कोका-कोला, अमेरिकन एक्सप्रेस और बैंक ऑफ अमेरिका जैसी दिग्गज कंपनियों में बड़ी हिस्सेदारी बनाई। इसके अलावा, BNSF रेलवे, गीको और बर्कशायर हैथवे एनर्जी जैसी कई पूरी तरह स्वामित्व वाली कंपनियां भी इस समूह का एक अहम हिस्सा बनीं। बफेट के सालाना शेयरहोल्डर लेटर और ओमाहा में होने वाली मीटिंग निवेशकों के लिए सीख, भरोसे और दीर्घकालिक सोच का बड़ा जरिया बनती रहीं।
चुनौतियां
आगे की चुनौतियां और बफेट की भूमिका
बफेट CEO पद छोड़ रहे हैं, लेकिन वे बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन बने रहेंगे, जिससे लीडरशिप बदलाव के दौरान स्थिरता बनी रहने की उम्मीद है। फिलहाल कंपनी के पास करीब 380 अरब डॉलर (लगभग 34,100 अरब रुपये) का कैश है, जिसका सही और समझदारी से इस्तेमाल अगली बड़ी चुनौती माना जा रहा है। विशेषज्ञ मानते हैं कि ग्रेग एबेल के नेतृत्व में भी बफेट की सोच, अनुशासन और लंबी अवधि की निवेश नीति आगे भी मजबूती से कायम रहेगी।