ट्विटर ने कर्मचारियों का नहीं दिया करोड़ों रुपये का बोनस, मुकदमे में किया गया दावा
क्या है खबर?
एलन मस्क ने जब से ट्विटर को खरीदा है तब से वह किसी न किसी बात को लेकर चर्चा में है और इससे जुड़े अदालती मामले भी बढ़े हैं।
अब ट्विटर को एक मुकदमे का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें दावा किया गया है कि इसने कर्मचारियों से वादा किया गया उनका बोनस नहीं दिया है।
मुकदमे में कहा गया कि अधिकारियों ने बार-बार आश्वासन दिया था कि कंपनी बोनस देगी।
मुकदमा
वकील ने कही ये बात
मुकदमा सैन फ्रांसिस्को फेडरल कोर्ट में मार्क शोबिंगर द्वारा दायर किया गया। शोबिंगर ट्विटर में कंपंसेशन के सीनियर डायरेक्टर थे और पिछले महीने के अंत में उन्होंने कंपनी छोड़ी है।
मुकदमे में 2022 का बोनस न पाने वाले पूर्व और वर्तमान ट्विटर कर्मचारियों के लिए क्लास एक्शन स्टेटस की मांग की गई है।
शोबिंगर के वकील ने कहा, "हमारा अनुमान है कि कुछ हजार कर्मचारी बोनस के लिए पात्र होंगे।"
उन्होंने कहा कि बोनस की राशि करोड़ों में होगी।
शिकायत
वादे के बाद भी ट्विटर ने नहीं दिया मुआवजा
शिकायत में कहा गया है कि जब मस्क द्वारा ट्विटर अधिग्रहण की घोषणा की गई तो कई कर्मचारियों ने अपने मुआवजे और बोनस को लेकर चिंता जताई थी।
शिकायत के अनुसार, मस्क द्वारा ट्विटर का अधिग्रहण पूरा करने से पहले के महीनों में कंपनी के अधिकारियों ने कर्मचारियों से बार-बार वादा किया था कि 2022 बोनस का भुगतान टारगेट का 50 प्रतिशत किया जाएगा।
शिकायत के मुताबिक, मस्क के अधिग्रहण के बाद भी वादा दोहराया गया।
ट्विटर
ट्विटर पर चल रहे हैं कई अन्य मुकदमे
इससे पहले ट्विटर के पूर्व कर्मचारियों ने ट्विटर पर अधिग्रहण के बाद अनुबंधों के उल्लंघन जैसे वर्क फ्रॉम होम की अनुमति देने और सेवरेंस लाभ देने के वादों को पूरा करने से पीछे हटने को लेकर मुकदमा दायर किया था।
ट्विटर पर कई मकान मालिकों, वेंडर्स और सलाहकारों ने भी उनका भुगतान न किए जाने को लेकर मुकदमा दायर किया है।
ट्विटर पर इसके पूर्व CEO पराग अग्रवाल सहित 3 पूर्व अधिकारियों द्वारा भी मुकदमा दायर किया जा रहा है।
आरोप
इन आरोपों का भी सामना कर रही है ट्विटर
इससे पहले ट्विटर की तरफ से गूगल क्लाउड सर्विस के चार्ज का भुगतान न करने का मामला भी सामने आया था। हालांकि, अब रिपोर्ट आ रही है कि ट्विटर अब गूगल क्लाउड सर्विस के भुगतान के लिए तैयार है।
ट्विटर पर हिंसा, नफरत, बाल यौन शोषण से जुड़े कंटेंट, झूठ आदि को रोकने में विफल रहने के भी आरोप लगे हैं।
हाल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ट्विटर पर ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए सबसे खतरनाक प्लेटफॉर्म का भी आरोप लगा।