चांदी की कीमत साल के आखिरी दिन 6 प्रतिशत हुई कम, क्या है गिरावट की वजह?
क्या है खबर?
चांदी की कीमतों में आज (31 दिसंबर) साल के अंतिम कारोबारी दिन गिरावट देखने को मिल रही है। बुधवार को MCX पर चांदी करीब 6 प्रतिशत गिरकर 2,35,952 प्रति किलो पर खुली। हालांकि, इस गिरावट के बावजूद 2025 चांदी के लिए ऐतिहासिक साल रहा है। पूरे साल में चांदी ने लगभग 160 प्रतिशत की तेज बढ़त दर्ज की है। निवेशकों के लिए यह साल शानदार रिटर्न देने वाला साबित हुआ है।
मुनाफावसूली
मुनाफावसूली से बढ़ा दबाव
चांदी में आज दिख रही गिरावट की एक बड़ी वजह मुनाफावसूली है। बीते दिनों में कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के बाद निवेशकों ने मुनाफा निकालना शुरू किया। दिसंबर महीने में कीमती धातुओं में तेज उतार-चढ़ाव देखने को मिला। तेजी के बाद आई यह बिकवाली स्वाभाविक मानी जा रही है। बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि इतनी तेज रैली के बाद कुछ समय के लिए दबाव बनना सामान्य प्रक्रिया है।
बाजार
ग्लोबल बाजारों का असर
अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कमजोरी का असर भी चांदी पर पड़ा है। कॉमेक्स पर चांदी 72 डॉलर (लगभग 2.08 लाख रूपये) से नीचे फिसलकर करीब 71.97 डॉलर प्रति औंस तक आ गई। यह हाल के उच्च स्तरों से बड़ी गिरावट है। डॉलर की चाल, वैश्विक अनिश्चितता और साल के अंत में ट्रेडिंग वॉल्यूम कम होने से भी दबाव बढ़ा। दूसरे कीमती धातु जैसे सोना और प्लैटिनम में भी इसी दौरान कमजोरी देखी गई।
अन्य
लॉन्ग टर्म तस्वीर अब भी मजबूत
हालिया गिरावट के बावजूद चांदी की लंबी अवधि की तस्वीर मजबूत बनी हुई है। ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद, भू-राजनीतिक तनाव, सेंट्रल बैंकों की खरीद और इंडस्ट्रियल डिमांड ने चांदी की कीमतों को बहुत अधिक समर्थन दिया है। विशेषज्ञों के मुताबिक यह तेजी सिर्फ सट्टेबाजी नहीं, बल्कि फिजिकल सप्लाई की कमी से भी जुड़ी है। इलेक्ट्रॉनिक्स और रिन्यूएबल एनर्जी में बढ़ता इस्तेमाल आगे भी चांदी को सहारा दे सकता है।