यस बैंक मामला: 18 मार्च को खत्म होंगी पाबंदियां, 26 मार्च को पदभार संभालेगा नया बोर्ड
क्या है खबर?
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शशिकांत दास ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए 18 मार्च शाम छह बजे यस बैंक पर लगी सारी पाबंदियां खत्म होने की घोषणा की।
इस दौरान बैंक के नए निदेशक बोर्ड का भी गठन होगा जो 26 मार्च को कार्यभार संभालेगा।
उन्होंने बैंक के ग्राहकों को आश्वासन देते हुए कहा कि बैंक में उनका पैसा सुरक्षित है और उन्हें घबराकर पैसे निकालने की कोई जरूरत नहीं है।
पृष्ठभूमि
5 मार्च को RBI ने अपने हाथों में लिया था यस बैंक का नियंत्रण
5 मार्च को आर्थिक संकट से जूझ रहे यस बैंक के निदेशक बोर्ड को एक महीने के लिए निलंबित करते हुए RBI ने इसका नियंत्रण अपने हाथों में ले लिया था।
SBI के पूर्व वित्त अधिकारी प्रशांत कुमार को यस बैंक के प्रशासन की जिम्मेदारी दी गई है।
यस बैंक के लोन देने या पुराने लोन के नवीनीकरण करने, कोई निवेश करने, कोई दायित्व लेने और कोई भुगतान चुकाने पर भी पाबंदी लगा दी गई है।
पाबंदियां
तय समय से पहले पाबंदियां हटाने जा रहा RBI
इसके अलावा यस बैंक के ग्राहकों पर अकाउंट से एक महीने में 50,000 रुपये से अधिक राशि निकालने पर भी पाबंदी लगाई गई है।
ये पाबंदियां एक महीने के लिए लगाई गईं थीं और RBI ने इस दौरान बैंक को डूबने से बचाने के लिए एक योजना तैयार करने की बात कही थी।
अब समय से पहले ही RBI ने ये पाबंदियां हटाने का ऐलान कर दिया है और 26 मार्च को नए निदेशक बोर्ड की भी नियुक्त हो जाएगी।
आश्वासन
ग्राहकों को RBI गवर्नर का आश्वासन- आपका पैसा सुरक्षित
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान RBI गवर्नर शशिकांत दास ने बैंक के ग्राहकों को फिर से उनका पैसा सुरक्षित होने का आश्वासन दिया।
उन्होंने कहा, "मैं यस बैंक के जमाकर्ताओं को सूचित करना चाहूंगा कि उनका पैसा पूरी तरह से सुरक्षित है और चिंता करने की कोई बात नहीं है... जमाकर्ताओं के हित की रक्षा करना इस योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।"
उन्होंने कहा कि यस बैंक को बचाने के लिए RBI और सरकार ने तत्परता से काम किया है।
पॉलिसी रेट कट
कोरोना वायरस के कारण रेट कट की थी उम्मीद
शशिकांत की प्रेस कॉन्फ्रेंस कोरोना वायरस के कारण अमेरिकी फेडरल बैंक और बैंक ऑफ इंग्लैंड के पॉलिसी रेट में कटौती करने के फैसले की पृष्ठभूमि में हुई, इसलिए उम्मीद की जा रही थी कि RBI भी ऐसे ही रेट कट का ऐलान कर सकती है।
हालांकि उनकी तरफ से ऐसा कोई ऐलान नहीं किया गया। इस संबंध में सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि RBI की मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी (MPC) अपनी अगली बैठक में इस पर कोई फैसला लेगी।
खस्ताहाल यस बैंक
बड़ी कंपनियों के लोन न चुकाने की वजह से खराब हुई यस बैंक की स्थिति
नकदी संकट से जूझ रहे यस बैंक की खराब आर्थिक स्थिति का सबसे मुख्य कारण बड़ी कंपनियों को दिए गए लोन का नॉन-परफॉर्मिंग असेट (NPA) बताया जा रहा है। इन कंपनियों में रिलायंस समूह, दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉर्पोरेशन (DHFL), एस्सेल समूह, वोडाफोन और ILFS आदि शामिल हैं।
आरोप है कि यस बैंक संस्थापक राणा कपूर ने बड़ा जोखिम होने के बावजूद इन कंपनियों को लोन दिया और इसके बदले में उनसे अपनी पत्नी और बेटियों की कंपनियों में निवेश कराया।
जानकारी
मनी लॉन्ड्रिंग के केस में गिरफ्तार हो चुके हैं राणा
मामले में राणा के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया गया है और उन्हें गिरफ्तार किया जा चुका है। उनकी पत्नी और तीन बेटियों को भी इस मामले में आरोपी बनाया गया है।