
GDP में निजी खपत 2 दशक के उच्चतम स्तर पर पहुंची, रिपोर्ट में खुलासा
क्या है खबर?
भारत की निजी खपत में मजबूत वृद्धि देखी गई है, जो पिछले 2 दशकों में देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में सबसे अधिक हिस्सेदारी पर पहुंच गई है। वित्त मंत्रालय की मासिक रिपोर्ट के अनुसार, GDP में निजी खपत की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2024 में 60.2 प्रतिशत से बढ़कर वित्त वर्ष 2025 में 61.4 प्रतिशत हो गई। यह पिछले 20 सालों में दूसरा सबसे उच्च स्तर है, जो देशभर में उपभोग मांग में निरंतर मजबूती का संकेत देता है।
सुधार
इस कारण हुई बढ़ोतरी
मांग पक्ष पर वृद्धि मुख्य रूप से मजबूत निजी खपत, स्थिर निवेश गतिविधि और शुद्ध निर्यात में वृद्धि से प्रेरित थी। मंत्रालय ने कहा कि निजी अंतिम उपभोग व्यय वित्त वर्ष 2024 के 5.6 प्रतिशत की तुलना में 7.2 प्रतिशत गति से बढ़ा है। निवेश के मामले में सकल स्थिर पूंजी निर्माण (GFCF) में वित्त वर्ष 2025 में 7.1 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। निजी खपत व्यक्तिगत या घरेलू स्तर पर वस्तुओं और सेवाओं पर किया जाने वाला खर्च।
आयात-निर्यात
कैसा रहा आयात-निर्यात?
रिपोर्ट में देश के बाहरी व्यापार में सकारात्मक बदलाव की ओर इशारा किया गया है। वित्त वर्ष 2012 की तुलना में निर्यात वित्त वर्ष 2025 में 6.3 प्रतिशत बढ़ा। यह वित्त वर्ष 2024 में 2.2 प्रतिशत की वृद्धि से उल्लेखनीय सुधार है। दूसरी तरफ आयात की बात करें तो वित्त वर्ष 2025 में इसमें 3.7 की गिरावट आई है। पिछले साल इसमें 13.8 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई थी। आयात में गिरावट ने समग्र शुद्ध निर्यात को और समर्थन दिया।