भारत में चीनी निवेश को समर्थन पर नहीं होगा दोबारा विचार- पीयूष गोयल
क्या है खबर?
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने आज (30 जुलाई) कहा है कि भारत में चीनी निवेश को समर्थन देने पर दोबारा विचार नहीं किया जाएगा।
उनके इस बयान से संकेत मिलता है कि भारत बीजिंग में निवेश पर बढ़ी हुई जांच को अभी भविष्य में भी जारी रख सकता है।
गोयल ने कहा, "देश में चीनी निवेश का समर्थन करने के लिए वर्तमान में कोई पुनर्विचार नहीं है। यह (आर्थिक सर्वेक्षण) मुख्य आर्थिक सलाहकार की रिपोर्ट है।"
सर्वेक्षण
गोयल ने इस सर्वेक्षण का दिया हवाला
भारत में चीनी निवेश को समर्थन देने पर दोबारा विचार नहीं करने की बात करते हुए गोयल ने मुख्य आर्थिक सलाहकार अनंत नागेश्वरन के आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 के उस सुझाव का जिक्र किया, जिसमें चीन से अधिक FDI की वकालत की गई है।
इस सर्वेक्षण में चीन के साथ भारत के बढ़ते व्यापार अंतर की ओर इशारा किया गया है और इस आयात निर्भरता को कम करने के लिए पड़ोसी देश से पूंजी स्थानांतरण का सुझाव दिया गया है।
व्यापार
चीन के साथ भारत का व्यापार अंतर बढ़ा
चीन के साथ भारत का व्यापार अंतर बढ़ रहा है। आंकड़ों की बात करें तो व्यापार अंतर पिछले वर्ष में बढ़कर 85 अरब डॉलर (लगभग 7,117 अरब रुपये) हो गया है, जो वित्तीय वर्ष 2022-23 में 83.2 अरब डॉलर (लगभग 6,966 अरब रुपये) था।
बता दें कि चीन भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार भी है, जिसका दोतरफा वाणिज्य 2023-24 में 118.4 अरब डॉलर (लगभग 9,913 अरब रुपये) तक पहुंच जाएगा, जो अमेरिका से आगे निकल जाएगा।