
जेप्टो, ब्लिंकिट और इंस्टामार्ट से सामान मंगाना हुआ महंगा, जोड़े गए नए शुल्क
क्या है खबर?
ब्लिंकिट और जेप्टो जैसे क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म से सामान मंगाना ग्राहकों के लिए थोड़ा महंगा हो गया है। द इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, इन कंपनियों ने हाल ही में कई नए शुल्क जोड़ दिए हैं। इसमें बास्केट साइज लेवी, छोटे ऑर्डर पर सरचार्ज और मानसून का अतिरिक्त शुल्क शामिल हैं। ये शुल्क पहले से मौजूद प्लेटफॉर्म और डिलीवरी फीस के अलावा हैं। कंपनियों का कहना है कि इन बदलावों का मकसद यूनिट लेवल पर मुनाफा बेहतर करना है।
बदलाव
ग्राहकों को छोटी खरीद पर देना होगा ज्यादा
इन नए नियमों के कारण अगर ग्राहक कम कीमत का ऑर्डर करेंगे तो उन्हें अब ज्यादा शुल्क देना पड़ेगा। उदाहरण के लिए, जेप्टो पर 175 रुपये से कम के ऑर्डर पर हैंडलिंग चार्ज लगेगा, जबकि इंस्टामार्ट ने न्यूनतम ऑर्डर मूल्य 99 रुपये तय किया है। ब्लिंकिट ने इंस्टेंट डिलीवरी के साथ-साथ बड़ी खरीदारी या डिस्काउंटेड ऑर्डर पर भी अतिरिक्त शुल्क लेना शुरू कर दिया है। इससे ग्राहकों की कुल लागत बढ़ सकती है।
ऑर्डर मूल्य
कंपनियां औसत ऑर्डर मूल्य बढ़ाने में जुटीं
इन अहम बदलावों का मकसद यह भी है कि ग्राहक ज्यादा मूल्य का ऑर्डर करें, ताकि प्लेटफॉर्म का औसत ऑर्डर मूल्य (AOV) बढ़े। विश्लेषकों के अनुसार, इससे टेक रेट्स यानी ऑर्डर पर होने वाली वास्तविक कमाई बढ़ने की उम्मीद है। फ्री डिलीवरी की सुविधा अब सिर्फ अधिक मूल्य वाले ऑर्डर पर ही मिलेगी। कंपनियां लागत और डिस्काउंट के संतुलन के लिए अपने चार्ज स्ट्रक्चर में लगातार बदलाव कर रही हैं।
कंपनियां
लगातार बढ़ते नुकसान से जूझ रही कंपनियां
ब्लिंकिट ने जनवरी से मार्च, 2025 की तिमाही में 178 करोड़ रुपये का ऑपरेटिंग घाटा दर्ज किया है। उद्योग से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि डार्क स्टोर्स चलाने की लागत और गिग वर्कर्स को भुगतान में बढ़ोतरी के चलते मुनाफा कम हो रहा है। कुछ कंपनियां कुछ प्रोडक्ट्स पर कीमतें बढ़ा रही हैं, तो कहीं भारी छूट दी जा रही है। इस वजह से क्विक कॉमर्स कंपनियों के लिए मुनाफा कमाना अब बड़ी चुनौती बन गया है।