कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों पर भी मिलता है बीमा क्लेम, जानिए कौनसी पॉलिसी लें
क्या है खबर?
बीमारियों का इलाज महंगा होने के कारण अब स्वास्थ्य बीमा जरूरी हो गया है, लेकिन कोई लोगों के मन में सवाल होता है कि अगर, कोई कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से ग्रसित है तो क्या वो भी बीमा करा सकता है? आपको बता दें कि इसके लिए क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस होता है, जो आपको आर्थिक परेशानी से बचाने में बहुत काम का साबित हो सकता है। आइये जानते हैं क्या होता है यह बीमा और इसके क्या फायदे हैं।
इंश्योरेंस
क्या होता है क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस?
क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस एक खास तरह का बीमा होता है जो कैंसर, हार्ट अटैक, किडनी फेलियर, पैरालिसिस जैसी गंभीर बीमारियों के लिए बनाया गया है। अगर, किसी बीमित व्यक्ति को इनमें से कोई बीमारी होती है तो बीमा कंपनी एक मुश्त रकम देती है। सबसे अच्छी बात यह है कि इस रकम को सिर्फ इलाज के लिए ही नहीं, बल्कि घर के खर्च, बच्चों की पढ़ाई, EMI या लोन चुकाने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
फायदा
क्या है इस बीमा के फायदे?
किसी व्यक्ति को कैंसर डायग्नोज होता है और यह बीमारी बीमा पॉलिसी में कवर की गई है तो कंपनी मेडिकल बिल नहीं मांगती है। सिर्फ बीमारी की डायग्नोसिस रिपोर्ट ही काफी होती है। इसके बाद कंपनी तय रकम सीधे बीमाधारक को दे देती है। इसमें एक सर्वाइवल पीरियड होता है, यानि बीमित व्यक्ति को बीमारी का पता चलने के बाद कम से कम 14 से 30 दिन तक जीवित रहना जरूरी है, तभी बीमा का पैसा मिलता है।
शर्त
इन स्थितियों में नहीं मिलेगा क्लेम
इस बीमा की कुछ शर्तें भी हैं। अगर, बीमारी वेटिंग पीरियड के दौरान सामने आती है तो बीमा क्लेम नहीं मिलता है। पहले से चली आ रही बीमारियां कवर नहीं होतीं। व्यक्ति का सर्वाइवल पीरियड के अंदर ही निधन हो जाए तो भुगतान नहीं होता। आत्महत्या, नशे, युद्ध, आतंकवाद या एडवेंचर स्पोर्ट्स जैसी स्थितियों में हुए नुकसान कवर नहीं होते। इसके अलावा कॉस्मेटिक सर्जरी, डेंटल ट्रीटमेंट या विदेश में इलाज भी आमतौर पर शामिल नहीं होते।