ग्रो ने आउटेज के दौरान ट्रेडर्स को बचाने के लिए बैकअप ट्रेडिंग पोर्टल किया लॉन्च
क्या है खबर?
ग्रो ने अपने यूजर्स के लिए ग्रो लाइट नाम से एक नया बैकअप ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म लॉन्च किया है। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि तकनीकी दिक्कत या आउटेज के दौरान भी यूजर शेयर बाजार में अपने ट्रेड पर कंट्रोल बनाए रख सकें। कंपनी का कहना है कि यह प्लेटफॉर्म मार्केट के जरूरी घंटों में एक सेफ्टी विकल्प की तरह काम करेगा, ताकि अचानक आई समस्या के समय निवेशकों को नुकसान न हो और भरोसा बना रहे।
काम
आउटेज के समय कैसे करेगा काम?
ग्रो लाइट को खास तौर पर इमरजेंसी ट्रेडिंग के लिए डिजाइन किया गया है, ताकि संकट में भी यूजर्स को सुविधा मिले। यह एक सुरक्षित डेस्कटॉप और मोबाइल वेब-बेस्ड प्लेटफॉर्म है, जो अलग DNS इंफ्रास्ट्रक्चर पर चलता है और ज्यादा भरोसेमंद माना जाता है। इसका फायदा यह है कि अगर ग्रो का मुख्य प्लेटफॉर्म या किसी बाहरी क्लाउड सर्विस में रुकावट आती है, तब भी ग्रो लाइट काम करता रहेगा और यूजर्स जरूरी ट्रेड समय पर कर पाएंगे।
ताकत
अलग इंफ्रास्ट्रक्चर इसकी बड़ी ताकत
ग्रो लाइट को इस तरह तैयार किया गया है कि यह क्लाउडफ्लेयर और सामान्य रूटिंग लेयर्स को बायपास करता है, जिससे सिस्टम अधिक स्थिर बनता है। इससे प्लेटफॉर्म बाहरी तकनीकी निर्भरता से काफी हद तक मुक्त हो जाता है और जोखिम कम होता है। कंपनी के मुताबिक, इसका उद्देश्य अधिक लचीलापन देना है, ताकि किसी भी बड़ी तकनीकी समस्या, सर्वर फेलियर या नेटवर्क आउटेज के दौरान भी यूजर्स प्लेटफॉर्म तक पहुंच सकें और जरूरी फैसले समय पर ले सकें।
अन्य
यूजर्स के लिए एक सेफ्टी लेयर
ग्रो का कहना है कि वह अपने कोर प्लेटफॉर्म को लगातार मजबूत बना रहा है और ग्रो लाइट उसी लॉन्ग-टर्म रणनीति का अहम हिस्सा है। कंपनी ने इसे एक ऐसी सेफ्टी लेयर बताया है, जिसकी उम्मीद यूजर करेंगे कि कभी जरूरत न पड़े, लेकिन मौजूद रहना जरूरी है। हालांकि, अगर जरूरत पड़े, तो वे पूरी तरह इस पर भरोसा कर सकें और बिना घबराए अपने निवेश, पोर्टफोलियो और ट्रेडिंग से जुड़े अहम फैसले ले सकें।