GDP के आंकड़े जारी, जुलाई-सितंबर तिमाही में 7.6 प्रतिशत की रही वृद्धि
क्या है खबर?
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) ने आज वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी तिमाही यानि कि जुलाई से सितंबर के लिए सकल घरेलू उत्पाद (GDP) आंकड़े जारी कर दिए हैं। इसके मुताबिक, इस दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था 7.6 प्रतिशत की रफ्तार से बढ़ी है।
विशेषज्ञों ने भी GDP की रफ्तार 6.8 से 7 प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान लगाया था।
बता दें कि अप्रैल से जून के बीच पहली तिमाही में आर्थिक विकास दर 7.8 प्रतिशत रही थी।
राजकोषीय घाटे
राजकोषीय घाटा लक्ष्य का 45 प्रतिशत तक पहुंचा
लेखा महानियंत्रक (CGA) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 की अप्रैल-अक्टूबर अवधि के दौरान 8.03 लाख करोड़ रुपये था। यह पूरे साल के बजट अनुमान के 45 प्रतिशत तक पहुंच गया है।
पिछले साल समान अवधि में यह 7.57 लाख करोड़ रुपये था।
खर्च और राजस्व के बीच के अंतर को राजकोषीय घाटा कहा जाता है। बजट में सरकार ने अनुमान लगाया था कि राजकोषीय घाटा GDP की तुलना में 5.9 प्रतिशत तक कम हो सकता है।
GDP
RBI ने क्या अनुमान लगाया था?
इससे पहले, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने वित्त वर्षीय 2023-24 की दूसरी तिमाही के दौरान 6.5 प्रतिशत की विकास दर का अनुमान लगाया था।
दास ने पिछले महीने कहा था कि शहरी इलाकों में मांग बढ़ने से खपत में बढ़ोतरी आई है। ग्रामीण इलाकों में भी मांग में सुधार आया है।
रॉयटर्स सर्वेक्षण ने एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का जुलाई-सितंबर तिमाही में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था।
आंकड़ा
भारत के प्रमुख क्षेत्रों में उत्पादन अक्टूबर में 12.1 प्रतिशत बढ़ी
गुरुवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 8 प्रमुख क्षेत्रों का उत्पादन अक्टूबर 2023 में 12.1 प्रतिशत बढ़ गया। पिछले साल इसी इन क्षेत्रों में अवधि में इन क्षेत्रों में उत्पादन में 0.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
सितंबर में कोर सेक्टर (कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, स्टील, सीमेंट और बिजली) की ग्रोथ 9.2 प्रतिशत रही। कोयला, इस्पात, सीमेंट और बिजली उत्पादन में दोहरे अंक की वृद्धि दर्ज की गई।
पहली तिमाही
पहली तिमाही में 7.8 प्रतिशत थी अर्थव्यवस्था की रफ्तार
पहली तिमाही यानी अप्रैल से लेकर जून तक भारतीय अर्थव्यवस्था 7.8 प्रतिशत की रफ्तार से बढ़ी थी। ये बीते एक साल का उच्चतम स्तर था। वित्त वर्ष में जुलाई तक भारत का राजकोषीय घाटा 6.06 लाख करोड़ था। ये पूरे वित्त वर्ष के लक्ष्य का 33.9 प्रतिशत था।
बता दें कि कोरोना के बाद आर्थिक गतिविधियों के सामान्य होने से 2022-23 की पहली तिमाही में अर्थव्यवस्था में 13.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
न्यूजबाइट्स प्लस
न्यूजबाइट्स प्लस
GDP किसी भी देश में एक निश्चित समयसीमा के भीतर उत्पादित की गई वस्तुओं और सेवाओं का कुल मौद्रिक या बाजार मूल्य है।
आसान भाषा में समझें तो सुई से लेकर हवाई जहाज तक, देश में बनने वाले सभी सामानों और सेवाओं के मूल्य को जोड़ दिया जाए तो GDP का आंकड़ा मिलेगा।
इससे देश की आर्थिक सेहत का पता चलता है। आमतौर पर GDP की गणना वार्षिक आधार पर की जाती है।