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बजट 2024: इनकम टैक्स व्यवस्था में बड़ा बदलाव, स्टैंडर्ड डिडक्शन भी बढ़ा
वित्त मंत्री संसद में बजट पेश कर रही हैं

बजट 2024: इनकम टैक्स व्यवस्था में बड़ा बदलाव, स्टैंडर्ड डिडक्शन भी बढ़ा

लेखन आबिद खान
Jul 23, 2024
12:27 pm

क्या है खबर?

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में बजट पेश कर रही हैं। इस दौरान उन्होंने इनकम टैक्स को लेकर बड़ा ऐलान किया है। नई टैक्स व्यवस्था में स्टैंडर्ड डिडक्शन 50,000 से बढ़ाकर 75,000 रुपये कर दिया गया है। पेंशन पर कटौती सीमा भी 15,000 से बढ़ाकर 25,000 कर दी गई है। इसके अलावा 7.75 लाख रुपये तक की आय अब टैक्स फ्री कर दी गई है। वित्त मंत्री ने कहा कि इससे करोड़ों करदाताओं को फायदा होगा।

कटौती

नई टैक्स व्यवस्था में अब ये होगी स्लैब

नई टैक्स व्यवस्था में बड़ी छूट का ऐलान किया गया है। अब 15 लाख की आय पर 20 प्रतिशत से ज्यादा टैक्स नहीं लगेगा। अब नई व्यवस्था में 0-3 लाख की आय पर कोई टैक्स नहीं होगा। 3 से 7 लाख की आय पर 5 प्रतिशत, 7 से 10 लाख की आय पर 10 प्रतिशत, 10-12 लाख की आय पर 15 प्रतिशत, 12-15 लाख की आय पर 20 प्रतिशत टैक्स और 15 लाख से ज्यादा पर 30 प्रतिशत टैक्स लगेगा।

नई व्यवस्था

नई टैक्स व्यवस्था में पहले कैसे लगता था टैक्स?

नई व्यवस्था में 5 टैक्स स्लैब हैं। इसमें 7 लाख तक कोई टैक्स नहीं है और 50,000 रुपये तक का स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ मिलता है, इसलिए 7.5 लाख तक आय टैक्स फ्री है। इसके बाद 3-6 लाख रुपये की आय पर 5 प्रतिशत, 6-9 लाख की आय पर 10 प्रतिशत, 9-12 लाख की आय पर 15 प्रतिशत, 12-15 लाख की आय पर 20 प्रतिशत और 15 लाख से ऊपर की आय पर 30 प्रतिशत टैक्स लगता है।

टैक्स व्यवस्था

भारत में वर्तमान में कैसी है इनकम टैक्स व्यवस्था? 

भारत में वर्तमान में 2 इनकम टैक्स व्यवस्थाएं हैं। एक नई और एक पुरानी। नई व्यवस्था को 2020 में लागू किया गया था और 2023 में उसमें संशोधन किया गया था। करदाताओं को पास दोनों व्यवस्थाओं में से किसी एक का चुनाव करने का विकल्प उपलब्ध है। दोनों इनकम टैक्स व्यवस्थाओं में 50,000 रुपये स्टैंडर्ड डिडक्शन की सुविधा थी। करदाता अगर किसी भी व्यवस्था का चुनाव नहीं करते हैं तो उन्हें स्वत: ही नई व्यवस्था के अंतर्गत रखा जाता है।

पुरानी व्यवस्था

पुरानी व्यवस्था में कैसे लगता है टैक्स? 

पुरानी व्यवस्था में 2.5 लाख रुपये तक की आय टैक्स फ्री है। 2.5 लाख से 5 लाख रुपये की सालाना आय पर 5 प्रतिशत टैक्स लगता है। हालांकि, 5 लाख रुपये तक की आय वाले लोग आयकर (IT) अधिनियम की धारा 87A के तहत 12,500 रुपये की छूट का दावा कर सकते हैं। इसके बाद 5 से 10 लाख आय पर 20 प्रतिशत और 10 लाख से ऊपर आय पर 30 प्रतिशत टैक्स है।