लगातार 10वें महीने वाहनों की बिक्री में गिरावट जारी, 20 सालों में पहली बार इतनी मंदी
देश का ऑटो सेक्टर इस समय अभूतपूर्व संकट से गुजर रहा है। वाहनों की बिक्री में आई गिरावट लगातार बढ़ती जा रही है। अगस्त लगातार ऐसा 10वां महीना रहा है जब पैसेंजर व्हीकल और कारों की बिक्री में गिरावट आई है। सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) द्वारा सोमवार को जारी आकंड़ों के मुताबिक, सालाना आधार पर पैसेंजर व्हीकल की बिक्री में 31.57 प्रतिशत और कारों की बिक्री में 41.09 प्रतिशत की गिरावट आई है।
नंबरों के जरिए समझिए वाहनों की बिक्री में आई गिरावट
SIAM ने 1997-98 में वाहनों की बिक्री का डाटा रखना शुरू किया था। उसके बाद से यह पहली बार है जब ऑटो सेक्टर में इतनी मंदी छाई है। अगस्त में जहां केवल 1,96,524 पैसेंजर व्हीकल बिके, वहीं कारों की बिक्री की आंकड़ा 1,15,957 रहा। यह पिछले साल अगस्त में बिक्री से क्रमश: 31.57 प्रतिशत और 41.09 प्रतिशत कम है। अगस्त में बसों और ट्रकों की बिक्री 39 प्रतिशत और टू-व्हीलर्स की बिक्री में 22 प्रतिशत की कमी आई है।
कमर्शियल वाहनों की बिक्री पर भी पड़ा असर
पैसेंजर व्हीकल के साथ-साथ कमर्शियल व्हीकल की बिक्री सालाना आधार पर 38.7 प्रतिशत घटकर 51,987 रह गई है। वहीं वाहनों के निर्यात में भी कमी देखी गई और यह पिछले साल अगस्त की तुलना में 2.4 प्रतिशत कम होकर 4.2 लाख यूनिट हो गया।
कई ऑटो कंपनियों ने बंद किया प्रोडक्शन
ऑटो सेक्टर में आई इस मंदी के कारण लाखों लोगों को नौकरियों से हाथ धोना पड़ रहा है। समाचार एजेंसी रायटर्स के मुताबिक, ऑटो निर्माता और पार्ट्स मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों और डीलर्स ने 3.5 लाख लोगों को निकाला है। कम होती मांग के चलते देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी दो दिन तक प्रोडक्शन बंद रखेगी। वहीं अशोक लेलैंड ने भी अपने पांच प्लाटों में कई दिनों तक प्रोडक्शन रोका था।
2012 के बाद पहली बार लिया गया प्रोडक्शन बंद करने का फैसला
मारुति सुजुकी ने बयान जारी करते हुए कहा था, "कंपनी ने हरियाणा के गुरुग्राम और मानेसर प्लांट में दो दिन 7 और 9 सितंबर के लिए यात्री वाहनों का प्रोडक्शन बंद करने का फैसला लिया है। दोनों दिन कोई प्रोडक्शन नहीं होगा।" 8 सितंबर को रविवार होने की वजह से वैसे ही प्रोडक्शन बंद था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 2012 के बाद ये पहली बार है जब मारुति सुजुकी ने प्रोडक्शन बंद करने का फैसला लिया है।
गडकरी ने मंदी के पीछे बताया वैश्विक कारण
बीते सप्ताह परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कार कंपनियों को भरोसा दिलाया था सरकार का पेट्रोल और डीजल गाड़ियों को बंद करने का कोई इरादा नहीं है। उन्होंने कहा कि वैश्विक आर्थिक कारणों के कारण ऑटो सेक्टर इस समय मंदी से जूझ रहा है और वित्त मंत्रालय इसका समाधान निकालने में लगा है। साथ ही उन्होंने कहा कि सेल्स टैक्स कम करने की ऑटो सेक्टर की मांग पर भी वित्त मंत्रालय कार्रवाई करेगा।
ऑटो कंपनियों का फेस्टिव सीजन का इंतजार
मंदी से जूझ रहे ऑटो सेक्टर को फेस्टिव सीजन का इंतजार है। कंपनियों को उम्मीद है कि इस सीजन के दौरान बाजार के हालात सुधर सकते हैं। दरअसल, अक्तूबर-नववंबर में दीवाली जैसा बड़ा त्योहार आता है, जिस पर लोग नए वाहन खरीदना शुभ मानते हैं। इस सीजन में कंपनियां अपनी सालभर की कुल बिक्री का एक तिहाई हिस्सा बेच लेती है। ऐसे में उन्हें उम्मीद है कि यह फेस्टिव सीजन बिक्री में आई गिरावट को खत्म कर सकता है।