भारतपे और अशनीर ग्रोवर के बीच का विवाद हुआ खत्म
फिनटेक कंपनी भारतपे और उसके पूर्व सह-संस्थापक अशनीर ग्रोवर के बीच लंबे समय से चल रहा विवाद खत्म हो गया है। मनीकंट्रोल के अनुसार, दोनों पक्षों ने एक निर्णायक समझौता किया है, जिसके तहत ग्रोवर अब किसी भी रूप में भारतपे से जुड़े नहीं रहेंगे। भारतपे के प्रवक्ता ने इस समझौते की पुष्टि करते हुए बयान जारी किया और बताया है कि समझौते के अनुसार, ग्रोवर कंपनी की शेयरहोल्डिंग से भी पूरी तरह से बाहर हो गए हैं।
दायर मामलों को भी नहीं बढ़ाया जाएगा आगे
ग्रोवर के कुछ शेयर रेसिलिएंट ग्रोथ ट्रस्ट को हस्तांतरित होंगे, जो कंपनी के लाभ के लिए होगा। उनके बाकी शेयरों की देखरेख उनके पारिवारिक ट्रस्ट द्वारा की जाएगी। दोनों पक्षों ने यह निर्णय लिया है कि वे एक-दूसरे के खिलाफ दायर मामलों को आगे नहीं बढ़ाएंगे। प्रवक्ता ने बयान में कहा, "हम श्री ग्रोवर को शुभकामनाएं देते हैं। कंपनी अपने व्यापारियों और ग्राहकों को उद्योग-अग्रणी समाधान देने पर केंद्रित रहेगी, जिससे लाभप्रदता के साथ विकास हो रहा है।"
क्या था यह विवाद?
भारतपे ने ग्रोवर और उनकी पत्नी माधुरी जैन पर वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाया था। कंपनी ने आरोप लगाया कि दोनों ने कंपनी की संपत्तियों का दुरुपयोग किया और खर्चों में हेरफेर किया। ग्रोवर पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अनुचित व्यवहार करने के आरोप भी लगे थे। इसके साथ ही, कंपनी ने उन पर यह भी आरोप लगाया था कि उन्होंने समझौते का उल्लंघन करते हुए कंपनी की गोपनीय जानकारी का खुलासा सोशल मीडिया पर किया।