कार डिलीवरी के लिए 6.5 लाख ग्राहक कर रहे इंतजार, पार्ट्स की कमी बनी वजह
क्या आपने भी कोई नई कार बुक की है और उसकी डिलीवरी का इंतजार कर रहे हैं? तो आपको बता दें कि आप अकेले नहीं हैं। वर्तमान में भारत में लाखों ग्राहक अपनी कार की डिलीवरी का इंतजार कर रहे हैं। जानकारी के अनुसार, सेमीकंडक्टर और पार्ट्स की कमी के कारण देश में लगभग 6.5 लाख गाड़ियों की डिलीवरी रुकी हुई है और इस वजह से कई कंपनियों के चुनिंदा मॉडलों का वेटिंग पीरियड भी बढ़ रहा है।
मारुति को करनी है 3.4 लाख गाड़ियों की डिलीवरी
सबसे बड़ी वाहन निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी की 3.4 लाख गाड़ियों की डिलीवरी रुकी हुई है। कंपनी के अनुसार, पार्ट्स की कमी के कारण उसे अपना उत्पादन धीमा करना पड़ा है और गाड़ियों की जबरदस्त मांग के कारण कंपनी अपना आर्डर पूरा नहीं कर पा रही है। वर्तमान में सुजुकी की पेट्रोल कारों पर 10 से 12 हफ्तों की वेटिंग चल रहा है। वहीं, CNG मॉडलों पर यह वेटिंग पीरियड बढ़कर 18 हफ्तों तक पहुंच गया है।
महिंद्रा की 1.47 लाख गाड़ियों की डिलीवरी बाकी
दिग्गज वाहन निर्माता कंपनी महिंद्रा एंड महिंद्रा की 1.47 लाख गाड़ियों की डिलीवरी रुकी हुई है और इस वजह से कंपनी के मॉडलों का वेटिंग पीरियड भी बढ़ रहा है। हाल ही में यह जानकारी कंपनी ने दी थी। पार्ट्स की कमी के कारण चार मॉडलों थार, बोलेरो, XUV300 और X700 की डिलीवरी में देरी हो रही है। महिंद्रा XUV700 के लिए आपको दो साल और थार SUV के लिए आपको 24 से 30 महीने इंतजार करना पड़ सकता है।
इन मॉडलों पर भी चल रहा लंबा वेटिंग पीरियड
रिपोर्ट्स की मानें तो सेमीकंडक्टर की कमी के कारण हुंडई की लगभग 1.52 लाख गाड़ियों की डिलीवरी रुकी हुई है। टाटा मोटर्स, होंडा और किआ मोटर्स को भी बड़ी संख्या गाड़ियों की डिलीवरी करनी है। हाल ही में किआ इंडिया ने बताया था कि उसकी लेटेस्ट MPV किआ कैरेंस पर लगभग 17 महीनें का वेटिंग पीरियड चल रहा है। वहीं, टाटा की गाड़ियों पर भी दो से छह महीने का वेटिंग पीरियड चल रहा है।
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
डिलीवरी में देरी का मतलब है कि खरीदार को अपने वाहन के लिए अधिक भुगतान करना होगा क्योंकि ग्राहकों को डिलीवरी के समय लागू कीमतों का भुगतान करना होगा। बता दें कि बढ़ती इनपुट लागत के चलते लगभग सभी कंपनियां अपने वाहनों के दाम बढ़ा रही हैं और साल की शुरुआत से औसतन लगभग 6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। टाटा मोटर्स, मारुति सुजुकी और महिंद्रा जैसी दिग्गज कंपनियां चार बार अपने वाहनों के दाम बढ़ा चुकी हैं।