अप्रैल में फॉक्सवैगन की गाड़ियों पर मिल रही है 85,000 रुपये तक की जबरदस्त छूट
क्या है खबर?
मारुति और रेनो जैसी वाहन निर्माता कंपनियों के बाद अब जर्मन ऑटो कंपनी फॉक्सवैगन ने भी इस महीने अपनी गाड़ियों पर कई तरह के डिस्काउंट की घोषणा कर दी है।
अप्रैल महीने में फॉक्सवैगन की गाड़ियों पर अधिकतम 85,000 रुपये तक के ऑफर मिल रहे हैं। इसमें टाइगुन, पोलो और वेंटो पर छूट दी गई है।
इन लाभों को नगद छूट, एक्सचेंज बेनेफिट और कॉर्पोरेट बोनस के रूप में प्राप्त किया जा सकता है।
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फॉक्सवैगन टाइगुन
अप्रैल में फॉक्सवैगन अपनी टाइगुन कार पर 85,000 रुपये तक का शानदार लाभ दे रही है।
SUV के सभी वेरिएंट में 10,000 रुपये का लॉयल्टी बेनिफिट मिलता है, जबकि 1.0 लीटर हाईलाइन, टॉपलाइन और 1.5 लीटर GT मैनुअल वेरिएंट पर 25,000 रुपये का एक्सचेंज ऑफर उपलब्ध है।
1.0 लीटर टॉपलाइन और 1.5 लीटर GT DSG वेरिएंट पर 15,000 रुपये का अतिरिक्त ORVM सपोर्ट दिया गया है। इसके अलावा हाईलाइन ऑटोमैटिक ट्रिम पर 50,000 रुपये की नकद छूट भी है।
#2
फॉक्सवैगन पोलो
फॉक्सवैगन अपने पोलो मॉडल के ट्रेंडलाइन और कम्फर्टलाइन वेरिएंट पर 30,000 रुपये का लाभ और एक मुफ्त कनेक्ट डोंगल दे रही है।
बता दें कि पोलो का उत्पादन भारत में बंद कर दिया गया है और इसकी बिक्री जल्द ही पूरी तरह से बंद कर दी जाएगी।
पोलो में 1.0 लीटर का पेट्रोल इंजन, 1.5 लीटर का डीजल इंजन और 1.2 लीटर का टर्बो पेट्रोल इंजन विकल्प उपलब्ध है और इसकी कीमत 6.45 लाख रुपये से 10.25 लाख रुपये है।
#3
फॉक्सवैगन वेंटो
फॉक्सवैगन अपनी लंबे समय से चल रही वेंटो सेडान पर 40,000 रुपये तक का लाभ दे रही है। इसमें 25,000 रुपये का एक्सचेंज और 15,000 रुपये की लॉयल्टी शामिल है।
वेंटो 1.0 लीटर के तीन सिलेंडर टर्बो चार्ज्ड इंजन से लैस हैं, जो 5,000 से 5,500rpm पर 108bhp की पावर के साथ-साथ 1,750 से 4,000rpm पर 175Nm का टॉर्क देने में सक्षम है।
यह इंजन छह स्पीड मैनुअल और ऑटोमैटिक गियरबॉक्स से लैस है। इसकी कीमत 10 लाख रुपये हैं।
जानकारी
वेंटो की जगह आ रही है नई वर्टस
जानकारी के लिए बता दें कि वेंटो का प्रोडक्शन बंद कर दिया गया है और जल्द ही इसकी जगह नई वर्टस सेडान कार लेगी। वर्टस को मई में लॉन्च होने की उम्मीद है।
कंपनी इसकी टेस्टिंग पहले ही कर चुकी है और इसे आधिकारिक तौर पर भी पेश किया जा चुका है। इसमें नए डिजाइन के फ्रंट और रियर बंपर दिया जाएगा।
इस कार का उत्पादन भारत में ही किया जाएगा और फिर इसका निर्यात 25 देशों में किया जाएगा।