राष्ट्रीय राजमार्गों पर 20 किलोमीटर तक नहीं लगेगा टोल, नियमों में किया बदलाव
राष्ट्रीय राजमार्गों पर कम दूरी की यात्रा करने वाले वाहन चालकों को जल्द ही कोई टोल नहीं देना होगा। चाहे इसके बीच में कोई टोल प्लाजा स्थापित हो। इसके लिए भारत ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) पेश करने की तैयारी की जा रही है, जो मौजूदा फास्टैग सिस्टम की जगह लेगा। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) की एक अधिसूचना में बताया है कि GNSS वाले निजी वाहन मालिक हाइवे पर बिना टोल दिए 20 किलोमीटर का सफर कर सकेंगे।
नियमों किया गया बदलाव
राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क (दरों और संग्रह का निर्धारण) संशोधन नियम, 2024 की अधिसूचना के अनुसार, टोल शुल्क केवल तभी लिया जाएगा, जब हाइवे पर ड्राइविंग दूरी 20 किलोमीटर से अधिक होगी। राष्ट्रीय परमिट वाहन के अलावा GNSS लगे अन्य वाहन मालिकों से 20 किलोमीटर के भीतर राष्ट्रीय राजमार्ग, स्थायी पुल, बाईपास या सुरंग का उपयोग करने पर कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। यह उन लोगों के लिए बहुत उपयोगी होगा, जो राेजाना हाइवे पर कम दूरी की यात्रा करते हैं।
खत्म हो जाएगी टोल प्लाजा की आवश्यकता
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पहले ही बता चुके हैं कि GNSS-आधारित टोल संग्रह सिस्टम का पायलट अध्ययन कर्नाटक में NH-275 के बेंगलुरु-मैसूर खंड और हरियाणा में NH-709 के पानीपत-हिसार खंड पर किया गया है। GNSS लागू होने के बाद फास्टैग को समाप्त कर दिया जाएगा और हाइवे पर टोल प्लाजा की आवश्यकता भी खत्म हो जाएगी। इससे टोल प्लाजा पर लगने वाला समय बचेगा। इसके बाद फास्टैग स्टिकर खरीदने और फिर मान्य करने की कोई आवश्यकता नहीं होगी।