वाहनों के लिए जरूरी हो जाएगा 'बंपर-टू-बंपर' बीमा, कोर्ट ने दिया आदेश
क्या है खबर?
मद्रास हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है जिसके तहत तमिलनाडु में 1 सितंबर, 2021 से बेचे जाने वाले सभी वाहनों के लिए 'बंपर-टू-बंपर' मोटर बीमा करवाना अनिवार्य होगा।
यह बीमा पांच साल की अवधि के लिए ड्राइवर सहित वाहन में सवार सभी यात्रियों को कवर करेगा।
डीलरों का मानना है कि इस निर्णय से वाहनों की कीमत इसकी मौजूदा कीमत की तुलना में 8-9 प्रतिशत तक बढ़ जाएंगी।
इसे 1 सितंबर से लागू किया जाएगा।
जानकारी
क्या है बंपर-टू-बंपर बीमा पॉलिसी?
बंपर-टू-बंपर बीमा पॉलिसी के तहत कार का एक्सीडेंट होने पर 100 फीसदी कवर मिलता है। मतलब इसमें बिना किसी पेमेंट के गाड़ी के हर उस पार्ट की मरम्मत के लिए भुगतान किया जाता है जिसे नुकसान पहुंचा हो।
इसकी खास बात यह है कि यह पांच साल तक की अवधि के लिए ड्राइवर, यात्रियों और वाहन के मालिक को मिलने वाले कवरेज के अतिरिक्त है और इसके लिए थर्ड-पार्टी बीमा खरीदना होगा।
जानकारी
क्यों लाया गया इस बीमा को?
यह आदेश मोटर दुर्घटना दावा प्राधिकरण द्वारा दिए गए फैसले को रद्द करते हुए जारी किया गया है, जिसमें बीमा कंपनी को मृतक के रिश्तेदार को दावाकर्ता के रूप में 14.65 लाख रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया गया था।
इस केस में प्राधिकरण ने बीमा कंपनी को जिम्मेदार ठहराया था क्योंकि वह पूरी पॉलिसी शर्त को पेश करने में विफल रही।
इसके बाद नए आदेश के तहत बंपर-टू-बंपर बीमा को अनिवार्य किया गया है।
टिप्पणी
कोर्ट ने क्या कहा?
जस्टिस एस वैद्यनाथन ने अपने आदेश में कहा है कि इस पॉलिसी कवर की अवधि खत्म होने के बाद वाहन के मालिक को ड्राइवर, पैसेंजर और थर्ड पार्टी के साथ खुद के हितों की रक्षा करना चाहिए। ऐसा इसलिए है क्योंकि पांच साल के बाद बंपर-टू-बंपर इंश्योरेंस को बढ़ाया नहीं जा सकता है।
बता दें कि बंपर-टू-बंपर इंश्योरेंस में वाहन के उन हिस्सों को भी कवर मिलेगा जिनमें आम तौर पर बीमा कंपनियां कवर नहीं देती हैं।
इफेक्ट
ग्राहकों पर पड़ेगा अतिरिक्त बोझ
ऑटो डीलर जाटो डायनेमिक्स के अध्यक्ष रवि भाटिया के मुताबिक "नई बीमा की लागत अंत में उपभोक्ता को ही चुकानी होगी। पॉलिसी के मुताबिक ग्राहकों को एक साल का बीमा और दो साल का थर्ड-पार्टी बीमा खरीदना होगा। इससे कुल मिलाकर इसकी लागत आठ से नौ प्रतिशत तक बढ़ जाएगी।"
उन्होंने आगे कहा, "यह निर्णय डीलर पर बहुत बोझ डालता है और उपभोक्ता की लागत भी बढ़ाता है। इस निर्णय से ऑटो सेक्टर अस्थिर हो सकता है।"