ट्रैफिक पुलिस का अजीब कारनामा, प्रदूषण नियंत्रण सर्टिफिकेट न होने पर काटा इलेक्ट्रिक स्कूटर का चालान
केरल में एक इलेक्ट्रिक स्कूटर के मालिक पर प्रदूषण नियंत्रण (PUC) प्रमाणपत्र नहीं होने के कारण जुर्माना लगाये जाने का अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। आपको बता दें कि यह मामला अजीब इसलिये कहा जा रहा है क्योंकि इलेक्ट्रिक वाहनों पर PUC की जरूरत नहीं होती है। देश के विभिन्न राज्यों से यातायात पुलिस विभाग द्वारा ऐसे जारी किये गये अजीब चालानों की खबरें देखने को पहले भी मिलती रही हैं।
क्या है पूरी घटना?
केरल की यह घटना इलेक्ट्रिक स्कूटर एथर 450X के मालिक के साथ हुई। वो वाहन चेकिंग के दौरान ट्रैफिक पुलिस की मांग पर PUC प्रमाणपत्र प्रस्तुत नहीं कर सके, जिस कारण उनका 250 रुपये का चालान काट दिया गया। अब इन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी चालान की यह रसीद साझा की, जो हर तरफ चर्चा का विषय बनी हुई है। इस रसीद में मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 213(5)(e) का उल्लेख है, जिसके तहत इसे जारी किया गया है।
क्या कहता है नियम?
गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों के लिये बनाए गए कानूनों के अनुसार, PUC की आवश्यकता का कोई प्रावधान नहीं है। दरअसल, PUC प्रमाणपत्र पेट्रोल, डीजल और गैस से चलने वाले वाहनों से निकलने वाले धुएं की जांच कर जारी किया जाता है, लेकिन इलेक्ट्रिक वाहन बैटरी पर चलते हैं और किसी भी प्रकार का धुआं नहीं निकालते। इन्हें सरकार द्वारा शून्य-उत्सर्जन श्रेणी में रखा गया है। इसलिए इन पर PUC के लिये चालान काटना बेहद अजीब है।
क्या हैं एथर 450X के स्पेक्स?
एथर 450X एक इलेक्ट्रिक स्कूटर है जो 5.4kW की इलेक्ट्रिक मोटर और 3.7kWh की लिथियम-आयन बैटरी के साथ आता है। कंपनी के अनुसार, इसकी मोटर 22Nm टॉर्क पैदा कर सकती है। इस स्कूटर की टॉप स्पीड 80 किलोमीटर प्रति घंटे रखी गई है। कंपनी का दावा है कि एक बार फुल चार्ज होने पर यह 146 किलोमीटर की रेंज दे सकता है। बाजार में एथर का यह इलेक्ट्रिक स्कूटर 1.17 लाख रुपये की एक्स शोरूम कीमत पर उपलब्ध है।
न्यूजबाइट्स प्लस
नये मोटर वाहन अधिनियम लागू होने के बाद से नियम तोड़ने वालों पर भारी-भरकम जुर्माना लगाया जा रहा है। जुर्माने की बड़ी राशि देखते हुए कुछ लोग पहले से ज्यादा सावधान हुए हैं। हालांकि, जल्दबाजी में कभी अगर आपका ड्राइविंग लाइसेंस या अन्य कागजात घर पर छूट जाते हैं, तो चिंता की बात नहीं है। नये नियम के तहत आप इन सभी जरूरी डॉक्यूमेंट को अपने डिजीलॉकर या m-परिवहन ऐप में सेव कर ट्रैफिक पुलिस को दिखा सकते हैं।