अब NGO और कंपनियां भी जारी कर सकेंगी ड्राइविंग लाइसेंस, ये हैं नए नियम
क्या है खबर?
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने के मौजूदा नियमों को आसान बना दिया है।
नए नियम के अनुसार, निजी वाहन निर्माताओं, ऑटोमोबाइल एसोसिएशन, गैर-लाभकारी संगठनों (NGO) या कानूनी निजी फर्मों सहित विभिन्न संस्थाओं को मान्यता प्राप्त ड्राइवर प्रशिक्षण केंद्र चलाने और निर्धारित प्रशिक्षण पाठ्यक्रम पूरा करने वाले लोगों को ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने की अनुमति दी गई है।
साथ ही क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों (RTO) द्वारा ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया भी जारी रहेगी।
जानकारी
ये संस्थाएं दे सकेंगी ड्राइविंग लाइसेंस?
मंत्रालय की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार, कोई भी कानूनी संस्था जैसे कंपनियां, एसोसिएशन, फर्म, NGO निजी प्रतिष्ठान, ऑटोमोबाइल एसोसिएशन, वाहन निर्माता संघ, ऑटोनमस बॉडी, निजी वाहन निर्माता आदि दिए गए मानदंडों के अधीन DTC की मान्यता के लिए आवेदन करने के लिए पात्र होंगे।
इसके साथ ही सरकार के नए दिशानिर्देशों के मुताबिक राज्य सरकारों को मान्यता प्राप्त चालक प्रशिक्षण केंद्रों और ड्राइविंग लाइसेंस देने वाले संस्थानों से जुड़े नियमों का व्यापक प्रचार करना होगा।
जानकारी
क्या करना होगा मान्यता प्राप्त करने के लिए?
वैध संस्थाओं के पास केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के तहत निर्धारित भूमि पर ड्राइविंग प्रशिक्षण के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा या सुविधाएं होनी चाहिए।
उनके पास इसकी स्थापना के बाद से साफ रिकॉर्ड भी होना चाहिए, जिसमें ट्रेनिंग कोर्स स्ट्रक्चर, प्रशिक्षण घंटे और कार्य दिनों की जानकारी देनी होगी।
दिशानिर्देशों में कहा गया है कि आवेदक को राज्य या केंद्रशासित प्रदेश में ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्र चलाने के लिए अपनी वित्तीय क्षमता भी दिखानी होगी।
प्रोसेस टाइम
60 दिनों में होगी पूरी प्रक्रिया
मंत्रालय ने कहा है कि जब कोई संस्था ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्र चलाने की अनुमति के लिए आवेदन करती है, तो इससे जुड़े प्राधिकारी आवेदन मिलने के 60 दिनों के भीतर प्रक्रिया को पूरी करेंगे।
मान्यता प्राप्त प्रशिक्षण केंद्र को संबंधित क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों (RTO) या जिला परिवहन कार्यालयों (DTO) को सालाना परफॉर्मेंस रिपोर्ट जमा करनी होगी।
इसके अलावा केंद्र सरकार ऐसे मान्यता प्राप्त ड्राइविंग केंद्रों को चलाने के लिए कोई आर्थिक मदद या अनुदान नहीं देगी।
ड्राइविंग टेस्ट
ड्राइविंग टेस्ट के लिए पहले ही बन चुके हैं नियम
कोरोना की वजह से बहुत से लोग ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए RTO ऑफिस नहीं जा पा रहे थें, इसलिए परिवहन मंत्रालय ने पहले ही इसके लिए एक ट्रेनिंग नियम बना दिया है। जिसमें एक मान्यता प्राप्त ड्राइविंग टेस्ट सेंटर से ट्रेनिंग लेनी होगी।
ट्रेनिंग पूरी होने के बाद सेंटर की ओर से जारी सर्टिफिकेट के आधार पर RTO की ओर से ड्राइविंग लाइसेंस इश्यू किया जाएगा।
नया नियम 1 जुलाई से पूरे देश में लागू कर दिया गया है।