2026 तक बंद हो जाएंगी ऑडी की पेट्रोल और डीजल कारें, कंपनी ने बनाई ये योजना
जर्मन ऑटो निर्माता ऑडी साल 2026 तक अपने पेट्रोल और डीजल वाहनों को चरणबद्ध तरीके से बंद करने की योजना बना रही है। इसके तहत ऑडी अब विशेष रूप से इलेक्ट्रिक वाहनों पर फोकस करेगी ताकि 2028 तक वह अपने लक्ष्य को पूरा कर सके, जिसमें पर्यावरण के लिए हानिकारक वाहनों को सीमा से कम करना और केवल इलेक्ट्रिक वाहनों का निर्माण करना शामिल है। आइए, कंपनी की इस योजना के बारे में जानते हैं।
सिर्फ इलेक्ट्रिक वाहनों पर ध्यान देगी कंपनी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ऑडी ने नए कंबशन मॉडल्स के आखिरी लॉन्च की डेट तय कर दी है। कंपनी के बॉस मार्कस ड्यूसमैन ने गुरुवार को अपने वर्क्स काउंसिल और टॉप मेनेजर्स को बताया कि 2026 से ऑडी द्वारा कोई नया पेट्रोल और डीजल मॉडल पेश नहीं किया जाएगा। इसके अलावा पेट्रोल और डीजल कारों के कोई हाइब्रिड वर्जन भी लॉन्च नहीं किए जाएंगे। इससे यह साफ है कि ऑडी अब सिर्फ अपने इलेक्ट्रिक वाहनों के वर्जन पर ध्यान देगी।
कुछ समय पहले भी हुई थी घोषणा
ऑडी पहले ही घोषणा कर चुकी थी कि वह अब नए कंबशन इंजन का निर्माण नहीं करेगी बल्कि केवल मौजूदा इंजनों में सुधार के साथ इसे पेश करेगी। इससे ये अंदाजा लगाया जा रहा था कि ऑडी जल्द इस तरह के इंजन का निर्माण बंद कर सकती है। इसके विपरीत फॉक्सवैगन समूह के विद्युतीकरण पर जोर देने के लिए ऑडी अगले पांच सालों में बैटरी से चलने वाले 20 इलेक्ट्रिक वाहनों को पेश करने की योजना बना रही है।
ये होगा ऑडी का आखिरी कंबशन इंजन मॉडल
ऑडी का Q मॉडल ICE वाहन के रूप में अंतिम लॉन्च होगा, जिसे एक SUV की तहत लॉन्च किया जा सकता है। इसके बाद ऑडी सिर्फ बैटरी वाले वाहन ही बेचना चाहती है। इसके अलावा ऑडी A3 और A4 मॉडल को भी पूरी तरह से नया रूप और नया नाम दिया जाएगा। गौरतलब है कि ऑडी ने हाल ही में इलेक्ट्रिक क्रॉसओवर Q4 ई-ट्रॉन पेश की है, जो 321 किमी से 520 किमी के बीच की रेंज देती है।
ये कंपनियां भी कर चुकी हैं ऐसी घोषणा
इतालवी कार निर्माता कंपनी फिएट ने भी साल 2030 तक अपनी कारों को पूरी तरह से इलेक्ट्रिक करने की घोषणा की है। वॉल्वो और मिनी भी अपनी कारों को पूरी तरह से इलेक्ट्रिक करने की योजना पर काम कर रही है। वहीं, होंडा ने अपने वाहनों को 2040 तक पूरी तरह से इलेक्ट्रिक होने की योजना तैयार की है। जाहिर है वाहनों के प्रभाव से पर्यावरण को बचाने के लिए ये बड़ी कंपनियां इस तरह का फैसला ले रही हैं।