
हार्वर्ड विश्वविद्यालय ने अंतरराष्ट्रीय छात्रों के प्रवेश मामले में ट्रंप प्रशासन के खिलाफ दायर किया मुकदमा
क्या है खबर?
हार्वर्ड विश्वविद्यालय प्रशासन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से स्टूडेंट एंड एक्सचेंज विजिटर प्रोग्राम (SEVP) प्रमाणन रद्द करने के बाद कानूनी कदम उठाया है।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने बोस्टन स्थित संघीय न्यायालय में ट्रंप प्रशासन के इस फैसले को चुनौती देते हुए मुकदमा दायर किया है।
विश्वविद्यालय ने तर्क दिया है कि सरकार की कार्रवाई पहले संशोधन का उल्लंघन करती है।
बता दें कि SEVP प्रमाणन रद्द होने से विश्वविद्यालय अंतरराष्ट्रीय छात्रों को प्रवेश नहीं दे सकेगा।
मुकदमा
हार्वर्ड प्रशासन ने मुकदमे में क्या कहा?
हार्वर्ड प्रशासन ने मुकदमे में कहा है कि ट्रंप प्रशासन ने एक झटके से एक चौथाई छात्र-समूह को खत्म करने का प्रयास किया है। ये सभी अंतरराष्ट्रीय छात्र विश्वविद्यालय और इसके मिशन में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।
इसी तरह सरकार की यह कार्रवाई पहले संविधान संशोधन का पूरी तरह से उल्लंघन करती है। इसका हार्वर्ड और 7,000 से अधिक वीजा धारकों पर तत्काल और विनाशकारी प्रभाव पड़ेगा। ऐसे में सरकार के इस आदेश पर रोक लगाई जानी चाहिए।
प्रकरण
क्या है पूरा मामला?
पिछले साल अमेरिकी विश्वविद्यालयों में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन हुए थे, जिसमें हार्वर्ड भी शामिल था। तब ट्रंप ने प्रदर्शनकारी छात्रों पर हमास का समर्थन करने का आरोप लगाया था।
ट्रंप के राष्ट्रपति बनने पर उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर में सक्रियता सीमित करने, विविधता, समानता और समावेश कार्यक्रमों को समाप्त करने का आदेश जारी किया और छात्रों-शिक्षकों के विचारों की जांच की मांग की, लेकिन हार्वर्ड प्रशासन ने इंकार कर दिया।
उसके बाद ट्रंप हार्वर्ड के खिलाफ सख्ती बरत रहे हैं।
सख्ती
ट्रंप ने हार्वर्ड विश्वविद्यालय के खिलाफ उठाए ये कदम
विश्वविद्यालय द्वारा मांगें नहीं माने जाने के बाद 14 अप्रैल को ट्रंप प्रशासन ने हार्वर्ड विश्वविद्यालय को दी जाने वाली 18,000 करोड़ रुपये की फंडिंग पर रोक लगा दी थी।
इसके अलावा विश्वविद्यालय को मिलने वाली टैक्स छूट भी खत्म कर दी थी।
इसके बाद शुक्रवार को ट्रंप प्रशासन ने विश्वविद्यालय का SEVP प्रमाणन रद्द कर दिया। इसके चलते वह अब अंतरराष्ट्रीय छात्रों को प्रवेश नहीं दे पाएगा। हार्वर्ड में इस समय 6,800 विदेशी छात्र हैं, जिनमें 788 भारतीय हैं।
असर
फैसले से वर्तमान विदेशी छात्रों पर क्या पड़ेगा असर?
ट्रंप प्रशासन के इस फैसले से वर्तमान अंतरराष्ट्रीय छात्रों पर भी असर पड़ेगा।
जिन विदेशी छात्रों ने अभी तक अपनी डिग्री पूरी नहीं की है, उन्हें या तो किसी अन्य मान्यता प्राप्त संस्थान में स्थानांतरित होना होगा, या फिर उन्हें अमेरिका में अपनी कानूनी स्थिति खोने का सामना करना पड़ेगा।
हालांकि, इस सेमेस्टर में अपनी डिग्री पूरी करने वाले छात्रों को स्नातक होने की अनुमति दी जाएगी क्योंकि ये बदलाव 2025-26 स्कूल वर्ष से लागू होंगे।