इस भारतीय बल्लेबाज़ ने सबसे कम उम्र में जड़ा दोहरा शतक, कभी बेचता था गोलगप्पे
भारतीय घरेलू क्रिकेट के सीमित ओवर के फ़ॉर्मेट की प्रसिद्ध ट्रॉफी 'विजय हजारे' में मुंबई के युवा बल्लेबाज़ यशस्वी जायसवाल ने दोहरा शतक लगाकर इतिहास के सुनहरे पन्नों में अपना नाम दर्ज करा लिया है। बुधवार को विजय हजारे ट्रॉफी में मुंबई और झारखंड के बीच खेले जा रहे मैच में यशस्वी ने लिस्ट ए करियर का अपना पहला दोहरा शतक लगाया। यशस्वी ने 203 रनों की शानदार पारी खेली। इसके साथ ही उनके कई बड़े रिकॉर्ड दर्ज हो गए।
लिस्ट ए क्रिकेट में सबसे कम उम्र में दोहरा शतक लगाने वाले भारतीय बने यशस्वी जायसवाल
झारखंड के खिलाफ यशस्वी जायसवाल ने 154 गेंदो में 203 रनों की शानदार पारी खेली। अपनी इस अद्भुत पारी के दौरान यशस्वी ने 17 चौके और 12 छक्के लगाए। यशस्वी ने महज़ 17 साल, 292 दिन की उम्र में लिस्ट ए क्रिकेट में दोहरा शतक लगा दिया। इसके साथ ही वह लिस्ट ए क्रिकेट में भारत के लिए सबसे कम उम्र में दोहरा शतक लगाने वाले बल्लेबाज़ बन गए। यशस्वी ने अपने पांचवें मैच में यह कारनामा किया।
घरेलू वनडे क्रिकेट में दोहरा शतक लगाने वाले तीसरे भारतीय बल्लेबाज़
यशस्वी जायसवाल ने इसी सीज़न में अपने लिस्ट ए करियर की शुरुआत की है। लिस्ट ए के अपने पांचवें मैच में दोहरा शतक लगाने वाले यशस्वी घरेलू वनडे क्रिकेट में दोहरा शतक लगाने वाले तीसरे भारतीय बल्लेबाज़ हैं। यशस्वी से पहले इसी सीज़न में विकेटकीपर बल्लेबाज़ संजू सैमसन ने दोहरा शतक लगाया था, वहीं केवी कौशल घरेलू वनडे क्रिकेट में दोहरा शतक लगाने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज़ थे।
लिस्ट ए क्रिकेट में दोहरा शतक लगाने वाले सातवें भारतीय बल्लेबाज़
गौरतलब है कि लिस्ट ए क्रिकेट में दोहरा शतक लगाने वाले यशस्वी जायसवाल सातवें भारतीय खिलाड़ी हैं। इससे पहले संजू सैमसन, सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग, रोहित शर्मा, शिखर धवन और करनवीर कौशल यह कारनामा कर चुके हैं। बता दें कि यशस्वी जायसवाल शानदार फॉर्म में चल रहे हैं, इससे पहले वह इस टूर्नामेंट में दो शतक भी लगा चुके हैं। इस सीज़न के पांच मैचों में उनके नाम 100 से ज्यादा की औसत से 504 रन हैं।
मुश्किल भरा रहा है अब तक का सफर
बता दें यशस्वी जायसवाल का अब तक का सफर बेहद ही मुश्किल भरा रहा है। यशस्वी यूपी के भदोही के रहने वाले हैं और उनके पिता एक छोटी सी दुकान चलाते हैं। यशस्वी महज़ 11 साल की उम्र में क्रिकेटर बनने के लिए मुंबई आए थे, जहां उन्हें कई रातें टेंट में बितानी पड़ी साथ ही पेट भरने के लिए सड़क किनारे गोलगप्पे तक बेचने पड़े। यशस्वी फिलहाल मुंबई के सांताक्रूज इलाके में एक चॉल में रहते हैं।