क्या टेस्ट क्रिकेट में भी रोहित शर्मा को करनी चाहिए ओपनिंग? पढ़े विश्लेषण
सीमित ओवर की क्रिकेट में कई रिकॉर्ड अपने नाम करने वाले रोहित शर्मा ने टेस्ट क्रिकेट में अभी तक पारी की शुरुआत नहीं की है। हालांकि, पिछले कुछ वक्त से भारत के सलामी बल्लेबाजों का टेस्ट में काफी खराब प्रदर्शन रहा है। ऐसे में बीच-बीच में क्रिकेट प्रशंसक से लेकर क्रिकेट पंडित तक यह मांग करते आए हैं कि टेस्ट में भी रोहित को बतौर ओपनर मौका देना चाहिए। जानिए क्यों रोहित को बतौर ओपनर टेस्ट में मौका मिलना चाहिए।
वेस्टइंडीज के खिलाफ रोहित को ओपनिंग स्लॉट में मिलना चाहिए मौका- सौरव गांगुली
हाल ही में भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने टाइम्स ऑफ इंडिया न्यूज पेपर में एक कॉलम में लिखा कि वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले टेस्ट में भारतीय टीम प्रबंधन को रोहित शर्मा को ओपनिंग स्लॉट में जगह देना चाहिए। बता दें कि 2019 विश्व कप में रोहित के पांच शतक लगाने के बाद से ही दुनियाभर के क्रिकेट फैंस रोहित को लाल गेंद की क्रिकेट में भी बतौर ओपनर टीम में शामिल करने की मांग कर रहे हैं।
बतौर ओपनर सीमित ओवर की क्रिकेट में शानदार रहा है रोहित का प्रदर्शन
वनडे क्रिकेट में बतौर ओपनर रोहित ने 132 पारियों में 57.43 की औसत से 6,719 रन बनाए हैं। इस बीच रोहित के बल्ले से 25 शतक और 30 अर्धशतक निकले हैं। रोहित ने बतौर ओपनर वनडे में तीन दोहरे शतक भी लगाए हैं। साथ ही टी-20 अंतर्राष्ट्रीय में भी रोहित ने ओपनिंग करते हुए तीन शतक लगाए हैं। मौजूदा वक्त में सफेद गेंद की क्रिकेट में रोहित दुनिया के सर्वश्रेष्ठ सलामी बल्लेबाज हैं।
टेस्ट में भी बतौर ओपनर कारगार साबित हो सकते हैं रोहित शर्मा
टेस्ट क्रिकेट के 27 मैचों में 39.62 की औसत से 1,585 रन बनाने वाले रोहित ने अभी तक पारी की शुरुआत नहीं की है। रोहित इससे पहले जब वनडे में भी मिडिल ऑर्डर में बल्लेबाजी करते थे, तो टीम में उनका स्थान सुनिश्चित नहीं था। लेकिन वीरेंद्र सहवाग के टीम से बाहर होने के बाद जब एमएस धोनी ने रोहित को ओपनिंग स्लॉट में मौका दिया, तो उन्होंने उसे दोनों हाथों से भुनाया और टीम के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया।
इस कारण टेस्ट में बतौर ओपनर सफल हो सकते हैं रोहित शर्मा
रोहित वनडे क्रिकेट में कठिन पिचों पर भी बड़ी पारियां खेल चुके हैं। साथ ही गेंद को छोड़ने की उनकी क्षमता और डिफेंस करने की सटीक टेकनिक टेस्ट क्रिकेट में भी रोहित को सफलता दिला सकती है। वहीं रोहित खराब गेंदो को सीमा पार भेजने में भी सक्षम हैं। ऐसे में टेस्ट में फील्ड के ऊपर होने पर रोहित खराब गेंदो पर प्रहार भी कर सकते हैं। रोहित धीमी पिचों के साथ-साथ तेज पिचों पर भी लंबा खेल सकते हैं।