दो दशक तक घरेलू क्रिकेट खेलने के बाद रजत भाटिया ने कहा क्रिकेट को अलविदा
इस साल अक्टूबर में 41 साल के होने जा रहे दिल्ली के दिग्गज ऑलराउंडर रजत भाटिया ने तत्काल प्रभाव से क्रिकेट को अलविदा कह दिया है। अप्रैल 2019 के बाद से भाटिया घरेलू क्रिकेट नहीं खेल सके थे और उन्होंने जनवरी 2019 में ही आखिरी फर्स्ट-क्लास मैच खेला था। 1999 में घरेलू क्रिकेट डेब्यू करने वाले भाटिया ने दो दशक तक प्रोफेशनल क्रिकेट खेला, लेकिन भारत के लिए कभी नहीं खेल सके।
ऐसा रहा है भाटिया का घरेलू करियर
भाटिया ने अपने करियर में 112 फर्स्ट-क्लास मैच खेले और 49.10 की औसत के साथ 6,482 रन बनाए और 137 विकेट भी झटके। फर्स्ट-क्लास में उन्होंने 17 शतक और 30 अर्धशतक लगाए। 119 लिस्ट-ए मैचों में उन्होंने 41.05 की औसत के साथ 3,038 रन बनाए और 93 विकेट लिए हैं। लिस्ट-ए में उन्होंने तीन शतक और 19 अर्धशतक लगाए हैं। तमिलनाडु के साथ घरेलू करियर शुरु करने वाले भाटिया ने दिल्ली के लिए एक दशक से ज़्यादा खेला है।
2007-08 में दिल्ली को रणजी खिताब जिताने में निभाई अहम भूमिका
2007-08 रणजी सीजन में भाटिया ने दिल्ली को खिताब जिताने में अहम भूमिका निभाई और सात मैचों में 512 रन बनाए। उन्होंने फाइनल में भी 139 रनों की शानदार पारी खेली थी। 2015 में दिल्ली छोड़ने से पहले भाटिया ने दिल्ली के लिए 81 मैचों में 4,666 रन बनाए और 96 विकेट हासिल किए। 2018-19 रणजी ट्रॉफी के ग्रुप स्टेज में आठ मैचों में 700 रन बनाकर वह उत्तराखंड के लिए सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज थे।
KKR के साथ जीता है IPL खिताब
IPL के पहले तीन सीजन में दिल्ली डेयरडेविल्स के लिए खेलने वाले भाटिया ने 2011 से 2013 तक कोलकाता नाइटराइडर्स के लिए खेला। 2012 में KKR के साथ उन्होंने खिताब भी जीता और 17 मैचों में 13 विकेट अपने नाम किए। भाटिया ने दो सीजन राजस्थान रॉयल्स और दो सीजन राइजिंग पुणे सुपरजॉयंट्स के लिए भी खेला है। उन्होंने 95 IPL मैचों में 71 विकेट लिए हैं 342 रन बनाए हैं।
टी-20 में काफी किफायती गेंदबाज थे भाटिया
10 साल तक IPL खेलने वाले भाटिया ने अपनी मीडियम पेस गेदबाजी से बड़े से बड़े बल्लेबाजों के नाम में दम कर रखा था। करियर में कुल 146 टी-20 खेलने के बावजूद भाटिया की इकॉनमी 7.19 की ही रही।