पंत को परिस्थिति के हिसाब से बल्लेबाजी करनी चाहिए- पुजारा
क्या है खबर?
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भारत की ओर से सबसे ज्यादा रन बनाने वाले ऋषभ पंत ने इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट में भी अपनी फॉर्म बरकरार रखी है।
उन्होंने चेपक टेस्ट की पहली पारी में 91 रन बनाए और संकट की घड़ी में अहम योगदान दिया।
इस बीच उनके साथी खिलाड़ी चेतेश्वर पुजारा का मानना है कि पंत को टीम की परिस्थिति के हिसाब से बल्लेबाजी करनी चाहिए।
आइए जानते हैं पुजारा ने क्या कहा।
बयान
पंत को लापरवाह शॉट्स से बचना चाहिए- पुजारा
पुजारा का मानना है कि पंत को कुछ लापरवाह शॉट्स से बचना चाहिए।
मैच के बाद रविवार को पुजारा ने कहा, "मैं विशेष तौर पर किसी शॉट्स के बारे में नहीं कह सकता, लेकिन टीम प्रबंधन से स्पष्ट सुझाव हैं कि उन्हे कुछ शॉट से बचना चाहिए। कई बार ऐसे समय होते हैं जब टीम की स्थिति को भी समझना पड़ता है। कोचिंग स्टाफ हमेशा उसे बताते हैं कि उन्हें टीम को आगे रखते हुए समझदारी से खेलना होगा।"
नर्वस नाइंटीज
चौथी बार नर्वस नाइंटीज का शिकार बने पंत
पंत ने तेज बल्लेबाजी करते हुए नौ चौकों और पांच छक्कों की मदद से 88 गेंदों में 91 रन बनाए और शतक बनाने से चूक गए।
23 साल की उम्र में पंत चौथी बार 90 से 100 के बीच आउट हुए हैं।
पंत जब बल्लेबाजी करने आए, तब भारतीय टीम 73/4 के स्कोर के साथ मुश्किल मे थी, फिर भी पंत ने तेज बल्लेबाजी की।
91 के स्कोर पर पंत छक्का मारते हुए पंत आउट हो गए।
बयान
अपनी गलती से सबक लेंगे पंत- पुजारा
पुजारा ने कहा है कि पंत भविष्य में सफलतम बल्लेबाजों में शुमार हो जाएंगे।
उन्होंने आगे कहा. "जब वह आउट होते हैं तो यह अच्छा नहीं लगता है, लेकिन वह अपनी गलती से सीखेंगे और उनका उज्ज्वल भविष्य है। ऐसे मौके भी आए हैं, जब वह थोड़ा धैर्य से बल्लेबाजी करते हैं और दूसरे बल्लेबाज के साथ साझेदारी बनाते हैं। मुझे यकीन है कि उन्हें इस बात का एहसास होगा।"
क्या आप जानते हैं?
एक टेस्ट पारी में पांच छक्के लगाने वाले दूसरे भारतीय विकेटकीपर बने पंत
पंत ने 91 रनों की अपनी पारी में पांच छक्के लगाए और एक टेस्ट पारी में ऐसा करने वाले केवल दूसरे भारतीय विकेटकीपर हैं। पूर्व कप्तान एमएस धोनी सबसे अधिक चार बार ऐसा करने वाले भारतीय विकेटकीपर हैं।
सुझाव
पंत को समझदारी से बल्लेबाजी करनी चाहिए- पुजारा
पुजारा का मानना है कि पंत को अपनी बल्लेबाजी में संतुलन की आवश्यकता है।
उन्होंने सुझाव देते हुए आगे कहा, "पंत का अपना स्वाभाविक खेल है और आप उसे बहुत सीमित नहीं कर सकते। अगर वह डिफेंसिव खेलेंगे तो उनके आउट होने की संभावना बढ़ जाएगी। लेकिन उन्हें सिलेक्टिव होना चाहिए। उन्हें समझने की जरूरत है कि कब उन्हें जोखिम उठाना है और कब क्रीज पर टिककर बल्लेबाजी करनी चाहिए।"