स्पिरिट ऑफ क्रिकेट अवार्ड: जानिए क्या है यह अवार्ड और न्यूजीलैंड को क्यों मिला
भले ही न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम 2019 क्रिकेट विश्व कप का खिताब अपने नाम नहीं कर सकी, लेकिन विश्व कप के फाइनल में जिस तरह उसने क्रिकेट को लेकर स्पोर्ट्समैन स्पिरिट दिखाई, उसका हर कोई कायल हो गया था। इस बीच ताज़ा खबर आई है कि विश्व कप के फाइनल में बेहतरीन रिस्पांस दिखाने के लिए न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम को क्रिस्टोफर मार्टिन-जेनकिन्स स्पिरिट ऑफ क्रिकेट पुरस्कार दिया गया है। आइये जानें कि क्या है यह अवार्ड और इसकी खासियत।
क्या है क्रिस्टोफर मार्टिन-जेनकिन्स स्पिरिट ऑफ क्रिकेट अवार्ड?
क्रिस्टोफर मार्टिन-जेनकिंस स्पिरिट ऑफ क्रिकेट अवार्ड 2013 में मैरीलेबोन क्रिकेट क्लब (MCC) और बीबीसी द्वारा पूर्व MCC अध्यक्ष और बीबीसी टेस्ट स्पेशल कमेंटेटर की याद में बनाया गया था, जो खेल की भावना को बढ़ावा देने के लिए भावुक थे। 2013 से ही यह अवार्ड MCC और बीबीसी द्वारा हर साल किसी एक खिलाड़ी या टीम को दिया जाता है। यह अवार्ड उस खिलाड़ी या टीम को दिया जाता है, जिसने खेल भावना बनाए रखने का उदाहरण पेश किया हो।
इस पुरस्कार के योग्य विजेता थे न्यूजीलैंड- कुमार संगाकारा
मेरीलेबोन क्रिकेट क्लब (MCC) के अध्यक्ष कुमार संगाकारा ने कहा कि न्यूजीलैंड इस पुरस्कार के "योग्य विजेता" थे। उन्होंने कहा, "इतने क्लोज़ और कड़े मुकाबले में भी न्यूजीलैंड ने स्पोर्ट्समैन स्पिरिट बरकरार रखी, वास्तव में वो गेम टूर्नामेंट का सबसे शानदार गेम था।" उन्होंने आगे कहा, "न्यूजीलैंड टीम के लिए वो मुकाबला एक वसीयत की तरह रहेगा, जो क्रिकेट में हमेशा याद किया जाएगा। इनके कारण ही आज भी हम क्रिकेट में स्पिरिट की बात कर रहे हैं।"
अब तक इन खिलाड़ियों और टीमों को मिल चुका है ये अवार्ड
2013 से अब तक यह अवार्ड डर्बीशायर का वेन मैडसेन, ससेक्स के ल्यूक राइट, न्यूजीलैंड के ब्रेंडन मैकुलम, वॉर्सेस्टरशायर के टॉम फेल, इंग्लैंड की आन्या श्रूबोलो और इंग्लैंड लर्निंग डिसेबिलिटी टीम के क्रिस एडवर्ड्स और डेन बेजर को मिल चुका है।
बाउंड्री के आधार पर इंग्लैंड ने जीता था विश्व कप का खिताब
2019 विश्व कप के फाइनल मुकाबले में न्यूजीलैंड ने पहले खेलते हुए 50 ओवर में 241 रन बनाए थे। जवाब में इंग्लैंड भी निर्धारित ओवरों में 241 रन ही बना सकी। इसके बाद नियम के मुताबिक दोनों टीमों के बीच सुपर ओवर खेला गया। सुपर ओवर में भी दोनों टीमों ने 15-15 रन बनाए और मुकाबला फिर टाई रहा। इसके बाद नियम के मुताबिक 50-50 ओवर के गेम में ज्यादा बाउंड्री लगाने के कारण इंग्लैंड को विजेता घोषित किया गया।
इस कारण हुआ था अधिक विवाद
न्यूजीलैंड-इंग्लैंड के बीच फाइनल मुकाबले में ओवर थ्रो का बहुत बड़ा रोल रहा। जब इंग्लैंड को जीत के लिए तीन गेंदो में नौ रनों की ज़रूरत थी, तो स्टोक्स के डीप मिडविकेट पर दो रन लेने के दौरान थ्रो उनके बैट से लगकर बाउंड्री की तरफ चला गया। ऑनफील्ड अंपायर कुमार धर्मसेना ने अपने सहयोगी अंपायर से बात करने के बाद इंग्लैंड को छह रन दिए। इन रनों ने इंग्लैंड की राह आसान कर दी और मैच टाई हो गया।