मोहम्मद आमिर ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से लिया संन्यास, PCB पर लगाया मानसिक प्रताड़ना का आरोप
पाकिस्तान के तेज गेंदबाज मोहम्मद आमिर ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। टीम मैनजमेंट के साथ मतभेद के कारण उन्होंने संन्यास का फैसला किया। इसके अलावा उन्होंने पाकिस्तान टीम मैनजमेंट पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया है। बता दें कि आमिर न्यूजीलैंड दौरे के लिए पाकिस्तान टीम में नहीं चुने गए थे जिसके बाद वह लंका प्रीमियर लीग के पहले सीजन में गाल ग्लेडिएटर्स से खेलते हुए नजर आए थे।
आमिर ने टीम मैनजमेंट पर लगाए आरोप
आमिर ने कहा कि इस टीम मैनजमेंट के साथ वह नहीं खेल सकते हैं, इसीलिए क्रिकेट छोड़ देना ही सही फैसला होगा। उन्होंने आगे कहा, "मेरा मानना है कि मुझे इस समय क्रिकेट छोड़ देना चाहिए। मुझे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है और मैं अब और ज्यादा अत्याचार सहन नहीं कर सकता हूं। मैंने 2010 से 2015 तक बहुत परेशानी देखी हैं. लेकिन मैं अपनी गलती की सजा भुगत चुका हूं।"
आमिर ने अफरीदी को धन्यवाद कहा
आमिर ने अफरीदी को समर्थन के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने आगे कहा, "मैं अभी भी PCB से दो लोगों को श्रेय देता हूं। मैं पांच साल की सजा पूरी करने के बाद लौटा हूं। सेठी साहब और शाहिद अफरीदी, जिन दो लोगों को मैं हमेशा के लिए धन्यवाद दूंगा, उन दोनों ने कठिन समय पर मेरा समर्थन किया। टीम के बाकी लोगों ने कहा कि वह आमिर के साथ नहीं खेलेंगे।"
सुनिए आमिर ने क्या कहा
इससे पहले टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं आमिर
इससे पहले 2019 में आमिर ने लिमिटेड ओवर्स क्रिकेट में फोकस करने के लिए टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लिया था। 17 साल की उम्र में टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू करने वाले आमिर ने 36 मैचों में 30.48 की औसत से 119 विकेट लिए हैं। इस बीच पारी में उनका बेस्ट प्रदर्शन 6/44 रहा था। हाल ही में उन्हें जिम्बाब्वे और न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज में टीम में नहीं चुना गया, जिससे वह नाराज दिखे थे।
पांच साल का बैन झेल चुके हैं आमिर
बाएं हाथ के तेज गेंदबाज आमिर ने 61 वनडे मैचों में 29.63 की औसत से 81 विकेट लिए हैं। दूसरी तरफ उन्होंने 50 टी-20 मुकाबलों में 59 विकेट लिए हैं। टी-20 में उनका 7.02 का इकॉनमी रेट रहा है। साल 2010 में स्पॉट फिक्सिंग के चलते उन पर पांच साल का बैन लगा था। आमिर ने 2015 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी की थी और 2017 में पाकिस्तान को चैंपियंस ट्रॉफी दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी।