भारत बनाम दक्षिण अफ्रीका: टेस्ट सीरीज़ से दोनों टीमों को सीखने चाहिए ये सबक
भारत ने दक्षिण अफ्रीका को तीन मैचों की टेस्ट सीरीज़ के अंतिम टेस्ट में 202 रनों से हराकर 3-0 से सीरीज़ अपने नाम कर ली। भारत ने अपनी पहली पारी 497 रनों पर घोषित करने के बाद दक्षिण अफ्रीका को पहली पारी में 162 रनों पर समेटकर फॉलो-ऑन खेलने को मजबूर किया। इसके बाद दूसरी पारी में भी अफ्रीकी टीम 133 रनों पर ऑलआउट हो गई। आइये जानते हैं कि इस सीरीज़ से दोनों टीमों को क्या सबक सीखने चाहिए।
'सर' जडेजा हैं भारत के सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर
मौजूदा वक्त में लाल गेंद की क्रिकेट में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर्स में शुमार किए जाने वाले रविंद्र जडेजा ने इस सीरीज़ में अपने प्रदर्शन से एक बार फिर साबित कर दिया कि वह भारत के सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर हैं। जडेजा ने इस सीरीज़ में बल्ले और गेंद दोनों से शानदार प्रदर्शन किया। सीरीज़ में जडेजा ने जहां 212 रन बनाए, वहीं 13 विकेट भी अपने नाम किए। जडेजा बेहतरीन बल्लेबाज़ और गेंदबाज़ के साथ-साथ शानदार फील्डर भी हैं।
रोहित तीनों फॉर्मेट में हैं भारत के बेस्ट ओपनर, मयंक ने कंफर्म किया अपना स्पॉट
सीमित ओवर की क्रिकेट में दुनिया के सबसे बेहतरीन सलामी बल्लेबाज़ कहे जाने वाले रोहित ने इस सीरीज़ में पहली बार टेस्ट क्रिकेट में पारी की शुरुआत की। इस सीरीज़ में रोहित ने दो शतक और एक दोहरा शतक लगाकर यह साबित कर दिया कि वह हर फॉर्मेट में भारत के बेस्ट ओपनर हैं। रोहित ने सीरीज़ में 529 रन बनाए। वहीं मयंक अग्रवाल ने इस सीरीज़ में 340 रन बनाकर भारतीय टेस्ट टीम में अपना स्पॉट सुनिश्चित कर लिया।
चेतेश्वर पुजारा की फॉर्म है चिंता का विषय
भारत ने भले ही इस सीरीज़ में शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन टीम की दीवार इस सीरीज़ में उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर सकी। पुजारा ने इस सीरीज़ में दो अर्धशतक के साथ 36.25 की औसत से सिर्फ 145 रन बनाए। इस बीच उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 81 रन रहा। भारत को अब न्यूजीलैंड दौरे से पहले बांग्लादेश के खिलाफ दो मैचों की टेस्ट सीरीज़ खेलनी है, ऐसे में न्यूजीलैंड दौरे से पहले पुजारा का फॉर्म में आना ज़रूर है।
दक्षिण अफ्रीका टीम प्रबंधन और फाफ डु प्लेसिस से हुई बड़ी चूक
इस सीरीज़ में दक्षिण अफ्रीका के दृष्टिकोण से अगर देखें तो सबसे बड़ी गलती टीम चयन को लेकर टीम प्रबंधन ने की। साथ ही कप्तान फाफ डु प्लेसिस भी टीम को फ्रंट से लीड करने में असफल रहे। भारत में खेलने के लिए टीम में कम से कम दो लीड स्पिनर को होना ज़रूरी होता है, लेकिन दक्षिण अफ्रीकी टीम सिर्फ पार्ट टाइम स्पिनर्स के भरोसे ही टेस्ट सीरीज़ खेलने आई थी। साथ ही टीम रबाडा पर ज्यादा निर्भर दिखी।