घरेलू क्रिकेट में इतिहास रचने वाला खिलाड़ी, लेकिन अभी तक नहीं मिली भारतीय टीम में जगह
क्या है खबर?
क्रिकेट में अक्सर कहा जाता है कि सिर्फ नसीब वालों को ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिलता है।
यह जरूरी नहीं कि घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन करने वाला हर खिलाड़ी नीली या सफेद जर्सी में भारत के लिए खेलता दिखे।
यह पंक्तियां भारत के लिए घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन करने वाले जलज सक्सेना पर बिल्कुल सटीक बैठती हैं।
वैसे इस लाइन में सिर्फ जलज ही नहीं बल्कि और भी कई खिलाड़ी शामिल हैं।
प्रदर्शन
प्रथम श्रेणी क्रिकेट में जलज सक्सेना ने रचा इतिहास
15 दिसंबर, 1986 को मध्य प्रदेश के इंदौर में जन्में जलज सक्सेना ने दिलीप ट्रॉफी में इंडिया रेड और इंडिया ब्लू के बीच मैच में तीन विकेट लेकर इतिहास रच दिया।
इसके साथ ही जलज के नाम प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 300 से ज्यादा विकेट हो गए हैं। जलज अब प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 6,000+ रन और 300+ विकेट लेने वाले एकमात्र क्रिकेटर बन गए हैं।
हालांकि, इसके बावजूद भी जलज आज तक भारतीय टीम में नहीं चुने गए हैं।
करियर
शानदार रहा है जलज सक्सेना का घरेलू करियर
मध्य प्रदेश के लिए घरेलू क्रिकेट खेलने वाले जलज सक्सेना का घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन रहा है।
प्रथम श्रेणी क्रिकेट में जलज के नाम 113 मैचों में 6,044 रन और 305 विकेट हैं। इस फॉर्मेट में जलज ने 14 शतक और 30 अर्धशतक लगाए हैं। वहीं 17 बार एक पारी में पांच विकेट और 10 बार एक मैच में 10 विकेट लिए हैं।
वहीं लिस्ट ए के 85 मैचों में जलज के नाम 1,736 रन और 96 विकेट हैं।
अन्य खिलाड़ी
अमोल मजूमदार और सुब्रमण्यम बद्रीनाथ भी रहे जलज की तरह अनलकी
घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन के बावजूद भारतीय टीम में जगह न मिलने वाले जलज अकेले खिलाड़ी नहीं हैं। बल्कि इस सूची में कई और खिलाड़ियों के नाम भी शामिल हैं।
घरेलू क्रिकेट के अमोल माजूमदार और सुब्रमण्यम बद्रीनाथ भी जलज की तरह ही शानदार रहे।
अमोल ने जहां प्रथम श्रेणी क्रिकेट में लगभग 49 की औसत से 11,000 से ज्यादा रन बनाए। वहीं बद्रीनाथ के नाम प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 54.49 की औसत से 10,000 से ज्यादा रन हैं।
घरेलू क्रिकेट का सचिन
घरेलू क्रिकेट के स्टार वसीम जाफर को भी नहीं मिले ज्यादा मौके
घरेलू क्रिकेट में 57 शतकों के साथ 19 हजार से ज्यादा रन बनाने वाले वसीम जाफर भी एक बड़ा उदाहरण हैं।
खास टेकनीक, बेहतरीन एप्लीकेशन और मज़बूत टेंपरामेंट के लिए पहचाने जाने वाले वसीम जाफर को भारत के लिए सिर्फ 31 टेस्ट खेलने का ही मौका मिला।
जबकि जाफर आज भी घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं।
अपने टेस्ट करियर में भी जाफर ने पांच शतकों के साथ 1,944 रन बनाए, लेकिन फिर भी उनको नजरअंदाज किया गया।
लेखक के विचार
क्या IPL में शानदार प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को ही मिलती है भारतीय टीम में जगह?
इन सभी क्रिकेटरों ने घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन फिर भी इन्हें भारत के लिए खेलने के ज्यादा मौके नहीं मिले। जबकि कुछ खिलाड़ियों को तो कभी 15 सदस्यीय टीम में भी नहीं चुना गया।
इसका मुख्य कारण शायद इंडियन प्रीमियर लीग में इनका धमाल न मचा पाना रहा।
मौजूदा समीकरणों को देख कर यह कहना गलत नहीं होगा कि भारतीय टीम में सेलेक्शन अब सिर्फ IPL के प्रदर्शन के आधार पर ही होते हैं।