क्या 2011 में वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय टीम से बेहतर होगी 2019 की भारतीय टीम?
क्या है खबर?
2011 में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में भारतीय क्रिकेट टीम ने इतिहास रचते हुए 28 साल बाद क्रिकेट वर्ल्ड कप पर अपना कब्जा जमाया था।
फाइनल में श्रीलंका को हराकर भारतीय टीम ने पूरे देश को झूमने का मौका दिया था।
आठ साल बाद 2019 में एक बार फिर भारतीय टीम विराट कोहली की कप्तानी में वर्ल्ड कप के लिए तैयार हो रही है।
दोनों टीमों की तुलना करके देखते हैं कौन सी टीम मजबूत है।
टॉप-3
2011 की तरह इस बार भी टॉप-3 पर हैं वर्ल्ड क्लास बल्लेबाज
2011 में भारतीय टीम में वीरेन्द्र सहवाग, गौतम गंभीर और सचिन तेंदुलकर जैसे महान बल्लेबाज थे जो टॉप-3 पोजीशन पर टीम के लिए शानदार काम कर रहे थे।
2019 में हमारे पास रोहित शर्मा, शिखर धवन और विराट कोहली के रूप में तीन धाकड़ बल्लेबाज होंगे जो किसी भी मैच का रुख पलटने की क्षमता रखते हैं।
टॉप-3 के मामले में दोनों ही टीमें बराबर हैं और यहां हमें कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए।
मध्यक्रम
इस बार मध्यक्रम है कमजोर
2011 में भारतीय टीम के मध्यक्रम में युवराज सिंह, सुरेश रैना और खुद कप्तान महेंद्र सिंह धोनी मौजूद थे।
पूरे टूर्नामेंट में युवराज ने भारत के लिए अदभुत प्रदर्शन किया था तो वहीं धोनी ने फाइनल में मैच जिताऊ पारी खेली थी।
इस बार भारत को नंबर-4 पर सबसे ज़्यादा परेशानी हो रही है। अंबाती रायुडु के प्रदर्शन में निरंतरता की कमी है।
धोनी और केदार जाधव भी उतना अच्छा नहीं खेल पा रहे हैं।
आलराउंडर
भारत के पास नहीं है 2011 जैसा आलराउंडर
2011 में युवराज ने भारत के लिए 362 रन बनाने के अलावा 15 विकेट भी हासिल किए थे। उन्होंने भारत को वर्ल्ड कप जिताने में अहम भूमिका निभाई थी।
इस बार भारत के पास हार्दिक पंड्या के रूप में आलराउंडर है, लेकिन उनके लिए युवराज जैसा प्रदर्शन कर पाना बेहद कठिन होगा।
पंड्या की गेंदबाजी ज़्यादा मजबूत है और बल्लेबाजी में वह बड़े हिट लगाना जानते हैं। इस बार भारत को युवराज जैसे आलराउंडर की कमी खलने वाली है।
गेंदबाजी
बढ़िया लग रहा है गेंदबाजी विभाग
2011 में भारतीय गेंदबाजी पूरी तरह से जहीर खान के ऊपर टिकी हुई थी जिन्होंने कुल 21 विकेट झटके थे।
मुनाफ पटेल ने उन्हें बढ़िया तरीके से सपोर्ट किया था। आशीष नेहरा और एस श्रीसंत को लगातार रोटेट किया गया था।
इस बार भारत के पास जसप्रीत बुमराह, मोहम्म्द शमी और भुवनेश्वर कुमार के रूप में शानदार तेज गेंदबाज हैं।
2011 में हरभजन सिंह, पीयूष चावला और अश्विन के मुकाबले इस बार कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल स्पिन गेंदबाज होंगे।
बेंच स्ट्रेंथ
दोनों टीमों का बेंच स्ट्रेंथ
2011 में अश्विन और चावला को कम मौके दिए गए थे। युसुफ पठान ने लगभग हर मौके को गंवाया था और उनका प्रदर्शन निराशाजनक रहा था।
आशीष नेहारा ने हर मौके का फायदा उठाया था और शानदार प्रदर्शन किया था।
इस बार भारत के पास विजय शंकर और रवींद्र जडेजा के रूप में आलराउंडर और बल्लेबाजी में केएल राहुल के रूप में बैकअप होगा।
विकेट-कीपिंग के लिए भारत के पास रिषभ पंत या दिनेश कार्तिक उपलब्ध होंगे।