वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट में हुए सभी मांकडिंग रनआउट पर एक नजर
इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) मुकाबले में दिल्ली कैपिटल्स (DC) के रविचंद्रन अश्विन ने रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) के आरोन फिंच को मांकडिंग की चेतावनी दी थी। अश्विन ने पिछले सीजन जोस बटलर को मांकडिंग किया था और इसके बाद काफी विवाद भी हुआ था। इंटरनेशनल क्रिकेट में भी मांकडिंग के कई वाकए हो चुके हैं। एक नजर डालते हैं वनडे इंटरनेशनल में हुए मांकडिंग के मामलों पर।
क्या है मांकडिंग?
क्रिकेट के नियमों के अनुसार, जब गेंदबाज सामान्य रूप से गेंद फेंकने करने वाला होता है, उस वक्त अगर नॉन स्ट्राइक पर खड़ा बल्लेबाज क्रीज से बाहर है तो गेंदबाज उसे रन-आउट कर सकता है।
वनडे क्रिकेट का पहला मांकडिंग
01 जनवरी, 1975 को ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच खेले गए वनडे मुकाबले में आठ गेंद के ओवर्स वाला नियम था। ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 190 रन बनाए थे जिसमें इयान चैपल (42) और ग्रेग चैपल (44) ने सबसे अधिक रन बनाए थे। इंग्लैंड की पारी के दौरान डेब्यू कर रहे ब्रायन लकहर्स्ट को ग्रेग चैपल ने मांकडिंग कर दिया था। यह वनडे इतिहास में किया गया पहला मांकडिंग है।
ग्रांट फ्लावर को पटेल ने किया मांकडिंग
1992-93 में जिम्बाब्वे दौरे पर गई न्यूजीलैंड टीम के दीपक पटेल ने जिम्बाब्वे के ओपनर ग्रांट फ्लावर को मांकडिंग किया था। फ्लावर ने 93 गेंदों में 63 रन बनाए थे और पटेल ने उन्हें लगातार क्रीज से बाहर निकलने के कारण मांकडिंग किया था। जिम्बाब्वे ने अपनी पारी में 271/6 का स्कोर बनाया था, लेकिन मार्टिन क्रो (94) की बदौलत न्यूजीलैंड ने चार विकेट से मैच जीत लिया था।
कपिल देव ने किया किर्स्टन को आउट
दक्षिण अफ्रीका ने 23 साल के बैन के बाद इंटरनेशनल क्रिकेट में वापसी के बाद भारत के साथ सीरीज खेली। पोर्ट एलिजाबेथ में खेले गए दूसरे वनडे में कपिल देव ने पीटर किर्स्टन को मांकडिंग कर दिया जब उन्होंने देखा कि वह क्रीज के बाहर थे। दोनों टीमों के बीच इस मामले को लेकर काफी विवाद भी हुआ था, लेकिन पीटर ने बाद में स्वीकार किया था कि वह क्रीज के बाहर थे।
बटलर को आउट करके सेनानायके ने बढ़ाया विवाद
2014 में बर्मिंघम में खेले गए आखिरी वनडे में श्रीलंका के सचित्रा सेनानायके ने जोस बटलर को मांकडिंग करके अपनी टीम को 3-2 से वनडे सीरीज जिताई थी। बटलर को पहले एक चेतावनी दी गई थी, लेकिन उन्होंने ध्यान नहीं दिया और फिर उन्हें पवेलियन लौटना पड़ा। हालांकि, इसके बाद से पूरे मैच के दौरान सेनानायके और श्रीलंका की टीम को बर्मिंघम की क्राउड ने खूब हूटिंग की थी।